शिक्षकों की भर्ती पारदर्शी तरीके से करेंगे:योगी SOURCE- DD न्यूज़ (इंटरव्यू अंश)
इस अकेली लाइन ने उन महानुभावों को हँसने और 12460 भर्ती को अनियमितता की सबसे बड़ी भर्ती बताने का एक मौका दे दिया है जबकि इस लाइन में कहीं भी ये जिक्र नही है कि ये शिक्षक कौन से होंगे...???
यदि किसी को भूलने की बीमारी हो तो उन्हें याद दिला दूँ की माध्यमिक से लेकर उच्चतर में फर्जीवाड़े की शिकायतें लगातार हुईं और इन पर विराजमान सभी अध्यक्ष किसी जाति विशेष से आते हैं और सीधी सी बात है कि ये निशाने पर रहे हैं योगी सरकार के✔
तो साफ सी बात है कि पारदर्शी तरीके का समुचित उपयोग माध्यमिक और उच्चतर में अवश्य होगा।
यहां ये भी ध्यान देने वाली बात है कि उपर्युक्त दोनों भर्तियों में इंटरव्यू होता है लिखित परीक्षा के बाद जिसमें सबसे बड़ा फर्ज़ीवाड़ा सामने आया था और चूंकि बीजेपी अपने संकल्प पत्र में ग्रेड B और C से इंटरव्यू खत्म करने की सिफारिश कर चुकी है तो साफ सी बात है माध्यमिक की भर्ती अभी भी नपने के कगार पर है और कमोबेश यही हाल उच्चतर सेवा आयोग का है।
अब इन भर्ती को और अधिक पारदर्शी बनाया जा सकता है।
इनमें (माध्यमिक और उच्चतर) में) कोई भी नियम भी change करना आसान है क्योंकि कोई भर्ती कोर्ट के अधीन नही है और न ही कोई संशोधन ऐसा है जो कोर्ट की शरण लिए हो।
लेकिन जैसा कि कुछ भाई पारदर्शी शब्द को 12460 से जोड़ रहे हैं तो उन्हें बता दूं कि इस भर्ती में सभी नियम कानून फिलहाल SC की शरण लिए हुए हैं इसलिए कोई नया संशोधन या नया नियम स्वयं अधिकारी लागू नही करवाने देंगे और इस बात को योगी जी ने खुद कहा कि जो करेंगे अधिकारी करेंगे।
यहां ये भी ध्यान देने वाली बात है कि फर्जीवाड़े की शिकायत न तो 15000 और न ही 16448 के बारे में हुई है तो 12460 उसी सन्दर्भ में कैसे फर्जीवाड़े का शिकार हो गई???
12460 में कोई इंटरव्यू नही होना है और न ही इस भर्ती में कोई विशेष जाति के अध्यक्ष हैं जिससे फर्जीवाड़े की बात सामने आ रही हो।
वैसे योगी सरकार की निगाह उन भर्तियों में विशेष रूप से टेढ़ी हुई है जिनके अध्यक्ष विशेष जातिवर्ग से विराजमान हुए हैं।
अब यदि ऐसी कोई स्थिति बनती भी है बेसिक में(जोकि बनेगी नही) तो फिर जांच का दायरा और अधिक विस्तृत हो जाएगा और लपेटे में बेसिक शिक्षा की पूर्व की भर्ती भी आ जाएंगी।
बेसिक शिक्षा में चयन का आधार जो है उससे छेड़छाड़ फिलहाल सरकार नही करने वाली और भर्ती पूरी तरह अपने GO के आधार पर पूरी होगी।
वैसे इस बात को इस तरह से भी समझा जा सकता है 12460 में 15 दिन में सभी शैक्षिक प्रमाण-पत्रों की जाँच के बाद नियुक्ति देने का संजय सिन्हा जी का लेटर इस भर्ती के किये से संजीवनी का काम करेगा।
समझदार को इशारा काफी
अंततः स्थिति यही बनेगी कि 12460 को रद्द कराने का ख्बाव पालने वाले फिलहाल अपनी नींद से जागें और ऊर्जा सही दिशा में लगाएं अन्यथा देर होने पर ऊर्जा के साथ साथ वक़्त भी बर्बाद होगा।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
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यदि किसी को भूलने की बीमारी हो तो उन्हें याद दिला दूँ की माध्यमिक से लेकर उच्चतर में फर्जीवाड़े की शिकायतें लगातार हुईं और इन पर विराजमान सभी अध्यक्ष किसी जाति विशेष से आते हैं और सीधी सी बात है कि ये निशाने पर रहे हैं योगी सरकार के✔
तो साफ सी बात है कि पारदर्शी तरीके का समुचित उपयोग माध्यमिक और उच्चतर में अवश्य होगा।
यहां ये भी ध्यान देने वाली बात है कि उपर्युक्त दोनों भर्तियों में इंटरव्यू होता है लिखित परीक्षा के बाद जिसमें सबसे बड़ा फर्ज़ीवाड़ा सामने आया था और चूंकि बीजेपी अपने संकल्प पत्र में ग्रेड B और C से इंटरव्यू खत्म करने की सिफारिश कर चुकी है तो साफ सी बात है माध्यमिक की भर्ती अभी भी नपने के कगार पर है और कमोबेश यही हाल उच्चतर सेवा आयोग का है।
अब इन भर्ती को और अधिक पारदर्शी बनाया जा सकता है।
इनमें (माध्यमिक और उच्चतर) में) कोई भी नियम भी change करना आसान है क्योंकि कोई भर्ती कोर्ट के अधीन नही है और न ही कोई संशोधन ऐसा है जो कोर्ट की शरण लिए हो।
लेकिन जैसा कि कुछ भाई पारदर्शी शब्द को 12460 से जोड़ रहे हैं तो उन्हें बता दूं कि इस भर्ती में सभी नियम कानून फिलहाल SC की शरण लिए हुए हैं इसलिए कोई नया संशोधन या नया नियम स्वयं अधिकारी लागू नही करवाने देंगे और इस बात को योगी जी ने खुद कहा कि जो करेंगे अधिकारी करेंगे।
यहां ये भी ध्यान देने वाली बात है कि फर्जीवाड़े की शिकायत न तो 15000 और न ही 16448 के बारे में हुई है तो 12460 उसी सन्दर्भ में कैसे फर्जीवाड़े का शिकार हो गई???
12460 में कोई इंटरव्यू नही होना है और न ही इस भर्ती में कोई विशेष जाति के अध्यक्ष हैं जिससे फर्जीवाड़े की बात सामने आ रही हो।
वैसे योगी सरकार की निगाह उन भर्तियों में विशेष रूप से टेढ़ी हुई है जिनके अध्यक्ष विशेष जातिवर्ग से विराजमान हुए हैं।
अब यदि ऐसी कोई स्थिति बनती भी है बेसिक में(जोकि बनेगी नही) तो फिर जांच का दायरा और अधिक विस्तृत हो जाएगा और लपेटे में बेसिक शिक्षा की पूर्व की भर्ती भी आ जाएंगी।
बेसिक शिक्षा में चयन का आधार जो है उससे छेड़छाड़ फिलहाल सरकार नही करने वाली और भर्ती पूरी तरह अपने GO के आधार पर पूरी होगी।
वैसे इस बात को इस तरह से भी समझा जा सकता है 12460 में 15 दिन में सभी शैक्षिक प्रमाण-पत्रों की जाँच के बाद नियुक्ति देने का संजय सिन्हा जी का लेटर इस भर्ती के किये से संजीवनी का काम करेगा।
समझदार को इशारा काफी
अंततः स्थिति यही बनेगी कि 12460 को रद्द कराने का ख्बाव पालने वाले फिलहाल अपनी नींद से जागें और ऊर्जा सही दिशा में लगाएं अन्यथा देर होने पर ऊर्जा के साथ साथ वक़्त भी बर्बाद होगा।
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