MHRD/ NCTE का अस्पष्ट निर्देश के कारण अधिकांश प्रदेशों के समायोजित शिक्षा मित्र /संविदा शिक्षक या शिक्षक बनने से वंचित रह गये शिक्षा मित्र आज कोर्ट में दर दर भटक रहे है।
प्रमुख रूप से निम्म प्रदेशो के शिक्षा मित्र या पैरा टीचर गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक )का या तो कोर्ट में मामला चल रहा है या कुछ गलत निर्णय हो चुका है जैसे-
✅ उत्तर प्रदेश
✅ त्रिपुरा
✅ हिमांचल
✅ उत्तराखण्ड
✅ हरियाणा
आदि प्रदेशों के शिक्षा मित्र /पैराटीचर /गेस्ट टीचर/(अतिथि शिक्षक )से समायोजित/नियुक्त शिक्षको का मामला उच्च न्यायालय मे या सर्वोच्च न्यायालय में मामला चल रहा है। इसके पीछे जब कारण ढूढने का प्रयास किया गया तो यही मिला कि जब देश के सबसे बडे पंचायत( संसद)द्वारा 2009 में RTE Act पूर्ववर्ती सरकार(मनमोहन सिह सरकार) द्वारा बनाया गया तो उस समय Rte Act में अन्ट्रेड शिक्षकों को ट्रेन्ड करने की बात की गयी।
Rte Act(शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से पूर्व कार्यरत अन्ट्रेड शिक्षको को Tet में छूट देन की व्यवस्था दी गयी है।
अब सवाल उठता है कि कार्यरत अनट्रेन्ड शिक्षक है कौन,सरकारे या कोर्ट इस समय इसी तलास में है ।
वही पर ncte की स्थिति को जब देखते है तो देश में आर० टी० ई० एक्ट लागू होते ही देश के विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत शिक्षा मित्र/पैराटीचरो/गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक )या अन्य किसी नाम से कार्यरत ऐसे लोगों को दो वर्षीय बी० टी० सी० प्रशिक्षण करा कर ।ट्रेण्ड करने की अनुमति ncte ने मॉग करने वाले सभी प्रदेशों को अनुमति भी दे दी। और यह सब कुछ जानते हुए दिया की जो ये अलग अलग प्रदेशों में अलग अलग नामें से कार्यरत शिक्षा मित्र/पैरा टीचर /गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक ) ही (अनट्रेन्ड टीचर है) इसका प्रमाण कई प्रदेशों के लिए जारी ncte के पत्र में स्पष्ट लिखा हुआ है।
फिर भी विभिन्न प्रदेशों में शिक्षा मित्र से बने शिक्षक ? विभाग मे,समाज में न्यायालय में हर जगह जलील हो रहे है इसका मुख्यतः एक ही कारण है *Ncte/Mhrd का रूख स्पष्ट न होना
अब सवाल उठता है कि देश भर में कार्यरत शिक्षा मित्र/पैराटीचर /गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक )या अन्य नामों से कार्यरत संविदा शिक्षकों को समायेजन या शिक्षक बनने का अधिकार है या नही क्या इनकों शिक्षक बनाया जा सकता है या नही ,क्या दो वर्षीय बी० टी० सी० ट्रेनिग के बाद भी यह योग्य हुए या नही?
आज जो देश के अधिकांश प्रदेशों में में शिक्षा मित्र /पैरा टीचर /गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक )को नियमित किये जाने के बाद जो मामला न्यायालय में उलझ कर रह गया है इसका जिम्मेदार कौन है?
सभी समस्याओं का जिम्मेदार Ncte/Mhrd द्वारा मा० उच्च न्यायालय में स्पष्ट रुख न रखना है।
तो क्या उत्तरा प्रदेश सहित देश भर में कार्यरत लगभग साढे सात लाख शिक्षा मित्र/पैरा टीचर/ गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक ) बिभिन्न नामों सें जाने जाते है संविदा कर्मी चुप रहेगें कदापि नही।
देश भर के संबिदा शिक्षक/शिक्षा मित्र /पैरा टीचर/गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक ) अपने अधिकार की लडाई लडने के लिए एक जुट हो चुके है ''अब और अपमान नही सहेगें अपना अधिकार लेकर रहेगें,
Ncte/Mhrd संविदा शिक्षकों/शिक्षामित्र/पैराटीचरों गेस्ट टीचरो(अतिथि शिक्षकों)के नियमित किये जाने की स्थिति स्पष्ट करे,आर० टी० एक्ट में ससोधन कर स्पष्ट व्यवस्था बनाया जायें ,सर्वोच्च न्यायालय में शिक्षा मित्र से शिक्षक बन चुके सभी शिक्षकों के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा ढूलमूल निति नही ,स्पष्ट रुख तय किया जाय।आदि को लेकर जल्द ही ।''अखिल भारतीय अस्थाई शिक्षक महासंघ के बैनर तले देश भर के प्रतिनिधि PMO/ Mhrd/Ncte से रुख स्पष्ट करने के लिए लडाई लडेगें।
निवेदक
गाजी इमाम आला प्रदेश अध्यक्ष uppsms/sssaup
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प्रमुख रूप से निम्म प्रदेशो के शिक्षा मित्र या पैरा टीचर गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक )का या तो कोर्ट में मामला चल रहा है या कुछ गलत निर्णय हो चुका है जैसे-
✅ उत्तर प्रदेश
✅ त्रिपुरा
✅ हिमांचल
✅ उत्तराखण्ड
✅ हरियाणा
आदि प्रदेशों के शिक्षा मित्र /पैराटीचर /गेस्ट टीचर/(अतिथि शिक्षक )से समायोजित/नियुक्त शिक्षको का मामला उच्च न्यायालय मे या सर्वोच्च न्यायालय में मामला चल रहा है। इसके पीछे जब कारण ढूढने का प्रयास किया गया तो यही मिला कि जब देश के सबसे बडे पंचायत( संसद)द्वारा 2009 में RTE Act पूर्ववर्ती सरकार(मनमोहन सिह सरकार) द्वारा बनाया गया तो उस समय Rte Act में अन्ट्रेड शिक्षकों को ट्रेन्ड करने की बात की गयी।
Rte Act(शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से पूर्व कार्यरत अन्ट्रेड शिक्षको को Tet में छूट देन की व्यवस्था दी गयी है।
अब सवाल उठता है कि कार्यरत अनट्रेन्ड शिक्षक है कौन,सरकारे या कोर्ट इस समय इसी तलास में है ।
वही पर ncte की स्थिति को जब देखते है तो देश में आर० टी० ई० एक्ट लागू होते ही देश के विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत शिक्षा मित्र/पैराटीचरो/गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक )या अन्य किसी नाम से कार्यरत ऐसे लोगों को दो वर्षीय बी० टी० सी० प्रशिक्षण करा कर ।ट्रेण्ड करने की अनुमति ncte ने मॉग करने वाले सभी प्रदेशों को अनुमति भी दे दी। और यह सब कुछ जानते हुए दिया की जो ये अलग अलग प्रदेशों में अलग अलग नामें से कार्यरत शिक्षा मित्र/पैरा टीचर /गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक ) ही (अनट्रेन्ड टीचर है) इसका प्रमाण कई प्रदेशों के लिए जारी ncte के पत्र में स्पष्ट लिखा हुआ है।
फिर भी विभिन्न प्रदेशों में शिक्षा मित्र से बने शिक्षक ? विभाग मे,समाज में न्यायालय में हर जगह जलील हो रहे है इसका मुख्यतः एक ही कारण है *Ncte/Mhrd का रूख स्पष्ट न होना
अब सवाल उठता है कि देश भर में कार्यरत शिक्षा मित्र/पैराटीचर /गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक )या अन्य नामों से कार्यरत संविदा शिक्षकों को समायेजन या शिक्षक बनने का अधिकार है या नही क्या इनकों शिक्षक बनाया जा सकता है या नही ,क्या दो वर्षीय बी० टी० सी० ट्रेनिग के बाद भी यह योग्य हुए या नही?
आज जो देश के अधिकांश प्रदेशों में में शिक्षा मित्र /पैरा टीचर /गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक )को नियमित किये जाने के बाद जो मामला न्यायालय में उलझ कर रह गया है इसका जिम्मेदार कौन है?
सभी समस्याओं का जिम्मेदार Ncte/Mhrd द्वारा मा० उच्च न्यायालय में स्पष्ट रुख न रखना है।
तो क्या उत्तरा प्रदेश सहित देश भर में कार्यरत लगभग साढे सात लाख शिक्षा मित्र/पैरा टीचर/ गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक ) बिभिन्न नामों सें जाने जाते है संविदा कर्मी चुप रहेगें कदापि नही।
देश भर के संबिदा शिक्षक/शिक्षा मित्र /पैरा टीचर/गेस्ट टीचर(अतिथि शिक्षक ) अपने अधिकार की लडाई लडने के लिए एक जुट हो चुके है ''अब और अपमान नही सहेगें अपना अधिकार लेकर रहेगें,
Ncte/Mhrd संविदा शिक्षकों/शिक्षामित्र/पैराटीचरों गेस्ट टीचरो(अतिथि शिक्षकों)के नियमित किये जाने की स्थिति स्पष्ट करे,आर० टी० एक्ट में ससोधन कर स्पष्ट व्यवस्था बनाया जायें ,सर्वोच्च न्यायालय में शिक्षा मित्र से शिक्षक बन चुके सभी शिक्षकों के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा ढूलमूल निति नही ,स्पष्ट रुख तय किया जाय।आदि को लेकर जल्द ही ।''अखिल भारतीय अस्थाई शिक्षक महासंघ के बैनर तले देश भर के प्रतिनिधि PMO/ Mhrd/Ncte से रुख स्पष्ट करने के लिए लडाई लडेगें।
निवेदक
गाजी इमाम आला प्रदेश अध्यक्ष uppsms/sssaup
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