*NCTE फिलहाल असहज स्थिति में:*
📝 वर्ष 1993 में संसद द्वारा NCTE एक्ट पारित किया गया, जो 1 जुलाई 1995 से लागू हुवा! एक्ट का मुख्य उद्देश्य इसके प्रस्तावना से स्पष्ट होता हैं, जिसमें अंकित हैं कि, इस परिषद् (काउन्सिल) की स्थापना *"शिक्षक प्रशिक्षण को मानिटर और रेगुलेट"* करने के लिए की गयी हैं!
📝 वर्ष 2001 में प्रथम बार NCTE ने स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति हेतु *न्यूनतम शैक्षिक अर्हता निर्धारित करते हुए "रेगुलेशन" प्रकाशित किया!*
📝12 अक्टूबर 2011 को NCTE एक्ट-2011 में संशोधन पारित कर सेक्शन 12(A) जोड़ा गया! जिसके माध्यम से NCTE को प्राथमिक विद्यालयों से लेकर *इंटरमीडिएट विद्यालयों तक के शिक्षकों की नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षिक अर्हता निर्धारित करते हुए "रेगुलेशन और गाइडलाइन"* जारी करने का वैधानिक अधिकार प्रदान किया गया! साथ ही साथ अभी तक सरकारी आदेश, नियमावली से "नियुक्त शिक्षकों" को आगे से निर्धारित होने वाले "न्यूनतम अर्हता" धारण करने से छूट प्रदान की हैं!
📝 दि० 26 अगस्त २००९ को RTE ACT को प्रकाशित किया गया, जिसे 1 अप्रैल 2010 से लागू होना था! *एक्ट के सेक्शन 23(1) सेंट्रल गवर्नमेंट को शक्तिप्रदान करती हैं कि वो "नोटिफिकेशन" के द्वारा शिक्षक नियुक्ति हेतु "न्यूनतम अर्हता" निर्धारक "एकेडेमिक अथॉरिटी" प्राधिकृत करेगी!* साथ ही साथ एक्ट के सेक्शन 38(3) के अनुसार सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा जारी सभी "नोटिफिकेशन" को जल्द से जल्द इसे संसद के दोनों सदनों के सामने रखकर एप्प्रोव कराएगी।जबकि ऐसा कुछ भी नही हुआ।
📝दि० 31 मार्च 2010 को, सेंट्रल गवर्नमेंट ने *23(1) के तहत नोटिफिकेशन इशू कर NCTE को एकेडेमिक ऑथरिटी का दर्जा दिया!*
📝25 अगस्त के नोटिफिकेशन में TET का प्राविधान किया गया, जिसे 11 फरवरी 2011 को, NCTE ने गाइडलाइन इशू कर, TET की विस्तृत व्याख्या की! साथ ही साथ गाइडलाइन के पैरा 9 में
(a) टेट मिनिमम क्वालीफाइंग मार्क 60%(रिजर्व के लिए छूट, स्टेट जितना चाहे),
(b) भर्ती प्रक्रिया में टेट अंकों के भारांक दिए जाने चाहिए की बात अंकित की!
*विवादास्पद बिंदु:*
⏬
🔘 31 मार्च 2010 को जारी यह नोटिफिकेशन, एक्ट के ही सेक्शन 38(3) के अनुसार न तो निर्धारित टाइम पीरियड में और न ही आज तक संसद के दोनों सदनों के समक्ष नहीं रखा गया, अर्थात यह नोटिफिकेशन ही सेक्शन 38(3) के अनुसार अवैध कहा जा सकता हैं, और यदि यह अवैध माना गया तो फिर 23 अगस्त 2010 नोटिफिकेशन व् 11 फरवरी 2011 गाइडलाइन भी अवैध हो जाएगी, इस बिंदु पर अकादमिक भर्ती पैरविकारो को नोट करना होगा।
*(यद्यपि यह बिंदु अभी तक किसी भी पैरवीकार ने चेलेंज नही किया है)*
*अकादमिक भर्ती के लिए सुरक्षात्मक बिंदु...*
♠
➡ RTE एक्ट के सेक्शन 23(1) के तहत NCTE को मिनिमम क्वालिफिकेशन निर्धारित करने का प्रभार मिला था, फिर NCTE का 11 फरवरी 2011 वाले गाइडलाइन का पैरा 9(B) (SHOULD GIVE WEIGHTAGE OF TET SCORE IN RECRUITMENT PROCESS)
राज्य के "चयन नियम निर्धारण करने के अधिकार" में हस्तक्षेप कैसे कर सकता हैं? क्या NCTE को यह अधिकार प्राप्त हैं अथवा नहीं? यद्यपि यह गाइडलाइन यदि केंद्र द्वारा जारी किया जाता तो राज्य के लिए बाध्यकारी होता!*
*निष्कर्ष:* NCTE फ़िलहाल असहज स्थिति में हैं, कुछ कमियों के कारण किसी भी बिंदु पर स्पस्ट बोलने में असहज महसूस कर रही है।
*फिलहाल टीम मिशन सुप्रीम कोर्ट अपनी विधिक तैयारी से सहज है और प्रदेश की समस्त विवादित अकादमिक भर्तियों की अंतिम जीत के प्रति पूर्ण रुप से आस्वस्त है।*
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नही।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
📝 वर्ष 1993 में संसद द्वारा NCTE एक्ट पारित किया गया, जो 1 जुलाई 1995 से लागू हुवा! एक्ट का मुख्य उद्देश्य इसके प्रस्तावना से स्पष्ट होता हैं, जिसमें अंकित हैं कि, इस परिषद् (काउन्सिल) की स्थापना *"शिक्षक प्रशिक्षण को मानिटर और रेगुलेट"* करने के लिए की गयी हैं!
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📝 वर्ष 2001 में प्रथम बार NCTE ने स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति हेतु *न्यूनतम शैक्षिक अर्हता निर्धारित करते हुए "रेगुलेशन" प्रकाशित किया!*
📝12 अक्टूबर 2011 को NCTE एक्ट-2011 में संशोधन पारित कर सेक्शन 12(A) जोड़ा गया! जिसके माध्यम से NCTE को प्राथमिक विद्यालयों से लेकर *इंटरमीडिएट विद्यालयों तक के शिक्षकों की नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षिक अर्हता निर्धारित करते हुए "रेगुलेशन और गाइडलाइन"* जारी करने का वैधानिक अधिकार प्रदान किया गया! साथ ही साथ अभी तक सरकारी आदेश, नियमावली से "नियुक्त शिक्षकों" को आगे से निर्धारित होने वाले "न्यूनतम अर्हता" धारण करने से छूट प्रदान की हैं!
📝 दि० 26 अगस्त २००९ को RTE ACT को प्रकाशित किया गया, जिसे 1 अप्रैल 2010 से लागू होना था! *एक्ट के सेक्शन 23(1) सेंट्रल गवर्नमेंट को शक्तिप्रदान करती हैं कि वो "नोटिफिकेशन" के द्वारा शिक्षक नियुक्ति हेतु "न्यूनतम अर्हता" निर्धारक "एकेडेमिक अथॉरिटी" प्राधिकृत करेगी!* साथ ही साथ एक्ट के सेक्शन 38(3) के अनुसार सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा जारी सभी "नोटिफिकेशन" को जल्द से जल्द इसे संसद के दोनों सदनों के सामने रखकर एप्प्रोव कराएगी।जबकि ऐसा कुछ भी नही हुआ।
📝दि० 31 मार्च 2010 को, सेंट्रल गवर्नमेंट ने *23(1) के तहत नोटिफिकेशन इशू कर NCTE को एकेडेमिक ऑथरिटी का दर्जा दिया!*
📝25 अगस्त के नोटिफिकेशन में TET का प्राविधान किया गया, जिसे 11 फरवरी 2011 को, NCTE ने गाइडलाइन इशू कर, TET की विस्तृत व्याख्या की! साथ ही साथ गाइडलाइन के पैरा 9 में
(a) टेट मिनिमम क्वालीफाइंग मार्क 60%(रिजर्व के लिए छूट, स्टेट जितना चाहे),
(b) भर्ती प्रक्रिया में टेट अंकों के भारांक दिए जाने चाहिए की बात अंकित की!
*विवादास्पद बिंदु:*
⏬
🔘 31 मार्च 2010 को जारी यह नोटिफिकेशन, एक्ट के ही सेक्शन 38(3) के अनुसार न तो निर्धारित टाइम पीरियड में और न ही आज तक संसद के दोनों सदनों के समक्ष नहीं रखा गया, अर्थात यह नोटिफिकेशन ही सेक्शन 38(3) के अनुसार अवैध कहा जा सकता हैं, और यदि यह अवैध माना गया तो फिर 23 अगस्त 2010 नोटिफिकेशन व् 11 फरवरी 2011 गाइडलाइन भी अवैध हो जाएगी, इस बिंदु पर अकादमिक भर्ती पैरविकारो को नोट करना होगा।
*(यद्यपि यह बिंदु अभी तक किसी भी पैरवीकार ने चेलेंज नही किया है)*
*अकादमिक भर्ती के लिए सुरक्षात्मक बिंदु...*
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➡ RTE एक्ट के सेक्शन 23(1) के तहत NCTE को मिनिमम क्वालिफिकेशन निर्धारित करने का प्रभार मिला था, फिर NCTE का 11 फरवरी 2011 वाले गाइडलाइन का पैरा 9(B) (SHOULD GIVE WEIGHTAGE OF TET SCORE IN RECRUITMENT PROCESS)
राज्य के "चयन नियम निर्धारण करने के अधिकार" में हस्तक्षेप कैसे कर सकता हैं? क्या NCTE को यह अधिकार प्राप्त हैं अथवा नहीं? यद्यपि यह गाइडलाइन यदि केंद्र द्वारा जारी किया जाता तो राज्य के लिए बाध्यकारी होता!*
*निष्कर्ष:* NCTE फ़िलहाल असहज स्थिति में हैं, कुछ कमियों के कारण किसी भी बिंदु पर स्पस्ट बोलने में असहज महसूस कर रही है।
*फिलहाल टीम मिशन सुप्रीम कोर्ट अपनी विधिक तैयारी से सहज है और प्रदेश की समस्त विवादित अकादमिक भर्तियों की अंतिम जीत के प्रति पूर्ण रुप से आस्वस्त है।*
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नही।
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