सरकारी स्कूलों की तर्ज पर ही पब्लिक स्कूलों में भी टीईटी पात्रता परीक्षा
पास कर चुके शिक्षक ही पढ़ाएंगे. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी
एनसीटीई ने इस बारे में शिक्षा निदेशालय को पत्र भेजा है.
परिषद ने शिक्षा निदेशालय को निर्देशों का सख्ती से पालन करने कि हिदायत दी है.
दरअसल एनसीटीई को शिकायत की गई थी कि अधिकांश प्राइवेट स्कूलों में बिना टीईटी पास अभ्यर्थियों को भी शिक्षण के लिए चुन लिया जाता है. जिसके बाद एनसीटीई ने ये निर्देश जारी किए हैं.
एनसीटीई ने स्पष्ट कर दिया है कि नियम और निर्देश सिर्फ सरकारी स्कूलों के लिए नहीं है. शिक्षा विभाग नियमों के अनुपालन में कोई कोताही न बरते. एनसीटीई ने अपने पत्र में लिखा है कि 25 सितंबर 2010 को अधिसूचना जारी कर दी गई. इसके बावजूद निजी स्कूल इसका उल्लंघन करते हैं.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की बैठक में शिकायत की थी कि पब्लिक स्कूल ऐसे निर्देशों का अनुपालन नहीं करते. इस पर मंत्री ने विभाग को ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द किए जाने के निर्देश दिए थे. राज्य में इस समय करीब साढ़े चार हजार निजी स्कूल संचालित किए जा रहे हैं.
अब एनसीटीई ने विभाग से कहा है कि जिस तरह राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में टीईटी पास अभ्यर्थियों को ही शिक्षण के लिए लिया जाता है इसी तरह निजी स्कूलों में भी यह नियम लागू हों. उन्होंने शिक्षा विभाग को कहा है कि इसमें किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए.
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परिषद ने शिक्षा निदेशालय को निर्देशों का सख्ती से पालन करने कि हिदायत दी है.
दरअसल एनसीटीई को शिकायत की गई थी कि अधिकांश प्राइवेट स्कूलों में बिना टीईटी पास अभ्यर्थियों को भी शिक्षण के लिए चुन लिया जाता है. जिसके बाद एनसीटीई ने ये निर्देश जारी किए हैं.
एनसीटीई ने स्पष्ट कर दिया है कि नियम और निर्देश सिर्फ सरकारी स्कूलों के लिए नहीं है. शिक्षा विभाग नियमों के अनुपालन में कोई कोताही न बरते. एनसीटीई ने अपने पत्र में लिखा है कि 25 सितंबर 2010 को अधिसूचना जारी कर दी गई. इसके बावजूद निजी स्कूल इसका उल्लंघन करते हैं.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की बैठक में शिकायत की थी कि पब्लिक स्कूल ऐसे निर्देशों का अनुपालन नहीं करते. इस पर मंत्री ने विभाग को ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द किए जाने के निर्देश दिए थे. राज्य में इस समय करीब साढ़े चार हजार निजी स्कूल संचालित किए जा रहे हैं.
अब एनसीटीई ने विभाग से कहा है कि जिस तरह राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में टीईटी पास अभ्यर्थियों को ही शिक्षण के लिए लिया जाता है इसी तरह निजी स्कूलों में भी यह नियम लागू हों. उन्होंने शिक्षा विभाग को कहा है कि इसमें किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए.
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