फर्जीवाड़े में फंसे 16 बेसिक शिक्षक को किया बर्खास्त, प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में हुए थे चयनित

इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी टीचरी पाने वाले जिले के 16 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित इन शिक्षकों ने मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट पास होने का प्रमाणपत्र लगाया था।
बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने इनके प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट संबंधित बोर्ड से मांगी थी। बोर्ड ने 30 अगस्त को भेजी रिपोर्ट में इनके प्रमाणपत्रों को असत्य और कूटरचित बताया है। इस पर बीएसए ने सभी शिक्षकों का वेतन रोकते हुए अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान इन शिक्षकों ने दोबारा सत्यापन करवाने का अनुरोध किया। जिस पर बीएसए ने दोबारा सत्यापन रिपोर्ट मंगवाई। लेकिन मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद ने इन सभी की डिग्री को अमान्य कर दिया। जिस पर बीएसए ने सभी 16 शिक्षकों को 18 अक्तूबर को बर्खास्त कर दिया। इसी बोर्ड का प्रमाणपत्र लगाने वाले प्राथमिक विद्यालय नहवई मांडा के सहायक अध्यापक राजकुमार को बर्खास्त किया जा चुका है।
जिन 16 शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल की उनमें प्राथमिक विद्यालयों मिदिउरा धनुपुर के रमेश कुमार तिवारी, शाहीपुर-2 धनुपुर के आशीष कुमार व गहरपुर धनुपुर के घनश्याम शामिल हैं। बहरिया में बलीपुर के शशिभूषण त्रिपाठी, हसनपुर कोरारी के सुनील कुमार, जुगनीडीह के आनंद मोहन त्रिपाठी व नूरपुर के राजू, खीरी कौंधियारा के देवेश कुमार, बरांव कौड़िहार सेकेंड की आराधना सोनी व भारतगंज-2 मांडा के तीरथलाल का नाम है। मेजा में कोना के नितिन कुमार साहू व मेडरा के सच्चिदानंद मिश्र, सिठौली सैदाबाद के साहिल कुमार, सराय खुर्द उरुवा के धर्म राज, फूलपुर में कुसेहटा के अमित कुमार यादव और नरई के नीरज त्रिपाठी का नाम शामिल है।

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