ये तारीख़ याद रखिएगा क्यूँकि इस दिन से भारत में भ्रष्टाचार लीगल हो चुका है जानिए कैसे :-
इस दिन एक बिल (finance bill) पास किया गया है जो कि मात्र आधे घंटे में बिना किसी डिबेट या चर्चा आदि के पूर्वव्यापी समय से लागू हुआ है जिसमें कहा गया है कि विदेशी कम्पनीज़ किसी भी political party को चंदा देंगी तो वो लीगल है और उसकी जानकारी आम नागरिक के साथ क़ानूनन share नहीं की जा सकती है |
इसी बिल के साथ एक बिल और Foreign contribution regulation act भी पास हुआ है जिसमें अब विदेशी कम्पनीज़ किसी भी पलिटिकल पार्टी को फ़ंडिंग कर सकती हैं और ये क़ानून पूर्वव्यापी समय यानी पिछले बयालिस साल से लागू हुआ है जबकि हिंदुस्तान में tax वसूलने को छोड़कर बाक़ी अन्य क़ानून भावी समय से लागू होते हैं |
मुद्दा है कि अब ऐसा क्या हुआ है पिछले बयालिस वर्ष में कि इसकी ज़रूरत आन पड़ी तो इसके लिए आप 2010 का क़िस्सा सुनिए- एक कम्पनी थी वेदांता करके उसने दोनो बड़ी parties को लोन दिया इन्होंने accept भी किया लेकिन जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसकी जाँच करने को इलेक्शन कमीशन एवं भारत सरकार को कहा तो इलेक्शन कमीशन ने तो पल्ला झाड़ लिया लेकिन गेंद अब उन्ही चोरों के हाथ में थी |
चूँकि कोर्ट का pressure था तो दोनो पार्टी ने अपील भी फ़ाइल की लेकिन 2016 में इसी बिल में 2010 से बाद के चंदे की जानकारी पर रोक लगाई थी और उसे legal किया था लेकिन पाप केवल तभी से थोड़े ही थे तो इस बार पूरा बयालिस वर्ष का क़ानून पास करके ऐसा गंगाजल छिड़का है कि पूरी politics ही पवित्र हो गई है |
इसके लिए आप FCI Bill 2018 का सेक्शन 217 पढ़ें |
——————————————————-
सोचिए जिस देश में पीजा आधे घंटे में नहीं पहुँच पा रहा है वहाँ corruption कैसे आधे घंटे में बिना चिल्लम चिल्ली के लीगल क़रार दे दिया गया और हम उलझे हुए हैं
हिंदू मुस्लिम
ग़रीबी
भ्रष्टाचार
बेरोज़गारी
किसान
मीडिया
आदि आदि
जबकि चुनावी मुद्दों में अब ये आना चाहिए कि ये चुनावों में पैसा ला कहाँ से रहे हैं ?
जनता को क्यूँ नहीं देते मिला डोनेशन और क्यूँ नहीं करते ये poverty लाइन के दुःख दूर ?
असली corruption ये है और हम ख़ुश होते हैं कि भगवा लहर रहा है और पंजा मज़बूत हो रहा है |
वोट हमारा हक़ है लेकिन दें किसे इन्हें जो ख़ुद से ख़ुद पर गंगाजल छिड़ककर ख़ुद ही पवित्र हो रहे हैं और जनता का बेवक़ूफ़ बना रहे हैं |
देखो स्थिति साफ़ है - नमो हो या रागा सब अपने मतलब के लिए है अगर कोई कहता है कि मैं ग़रीब हूँ झोला लेकर चलता बनूँगा या अपना कुर्ता फाड़कर दिखाता है तो उससे ये ही पूछ लो कि भाई फिर ऐसा क्यूँ किया या पूछ लो कि आपके सांसद विधायक कौन से trust चला रहे हैं सब सामने और उससे भी भयंकर सच है भारत की क़ानून एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था |
देखिए corruption हमारे blood में है बस फ़र्क़ है आटे में नमक की मात्रा वरना सब एक जैसे हैं और इसका मुख्य कारण है कि ग़रीब अमीर नहीं हो पा रहा है तो ऐसे ही ठीक जब whale नहीं सुधरती तो हम आप तो तालाब में हैं |
अभी foreign funding अच्छी लग रही है कुछ समय पश्चात देखना ये ही proxy war का कारण बनेगी |
इस देश को राम जी का आशीर्वाद है बाक़ी व्यवस्थाएँ न बदलें हाँ जनता को छोटी छोटी ख़ुशी मिलती रहेंगी बाक़ी नमो भाई सबकुछ White अगर चाहते तो ये bill पास न होता लेकिन Bjp उनकी माँ है और कांग्रेस राहुल की (दस साल हम दस साल तुम आओ मिलकर लूट मचाते हैं) ये हम भूल जाते हैं |
सुप्रभात
हर हर महादेव 🚩🚩🚩🚩🚩
sponsored links:
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Breaking News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय की पहली किस्त अक्टूबर में, यह होगा सहायक अध्यापक व प्रधानाचार्य का मानदेय
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- Shikshamitra Appointment: 2001 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष ही हुई थी