कौशांबी : शिक्षामित्रों का समायोजन समाप्त हो गया। इसके बाद से अब तक
उनको मानदेय का भुगतान नहीं हुआ। इसके साथ ही उनकी समस्या के न्यायोचित
समाधान नहीं होने पर वह परेशान है। इसको लेकर जिले भर के शिक्षामित्रों ने
सत्यग्रह शुरू कर रखा है। सत्याग्रह के चौथे दिन शिक्षामित्र भरवारी
पहुंचे।
वहां हो रही भाजपा पदाधिकारियों की बैठक में विधायकों को छह
सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्या का समाधान किए जाने की मांग
की है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ जिलाध्यक्ष रत्नाकर ¨सह ने कहा
कि शिक्षामित्र अब बदहाली के दौरा से गुजर रहे हैं। उनके पास सरकार की ओर
ताकने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा है। सरकार चाहे तो उत्तराखंड मॉडल
को प्रदेश में लागू कर शिक्षामित्रों को जीवन दे सकती है। कहा कि समायोजन
निरस्त होने के बाद गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने उनकी
समस्या का न्यायोचित समाधान किए जाने का आश्वासन मिला था। अब समय आ गया है
कि सरकार अपने वाले को पूरा करें। कहा कि सरकार के इस प्रयास से हर गांव
के दो चार परिवार के लोंगों में खुशियां छा जाएगी। उन्होंने सिराथू व चायल
विधायक को अलग-अलग ज्ञापन देकर समस्या के समाधान की मांग की। जिसपर
विधायकों ने उनके पक्ष को शिक्षामंत्री के सामने रखने का आश्वासन दिया। इस
मौके पर इरशाद अहमद, रेवतीरमण पांडेय, जीतेंद्र कुमार, शोभा देवी,
बिहारीलाल, बनवारीलाल, सुषमा, सुमन, मंजू, मीना देवी, सुरेश, श्रवण, गीता,
लवलेश कुमार, नूतन, पवन गर्ग आदि शिक्षामित्र मौजूद रहे।
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