सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों को राहत देते हुए कहा कि सरकार
सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी की रकम तीन माह के अंदर
दे दे। शीर्ष अदालत ने कहा कर्मचारी की सेवा नियमित हो जाने के बाद ऐसा कोई
कारण नहीं है कि उसे ग्रेच्युटी के लाभ से वंचित किया जाए।जस्टिस आरके
अग्रवाल और एएम सप्रे की
पीठ ने कहा, ग्रेच्युटी एक्ट कर्मचारियों के लाभ
के लिए है, जिन्होंने लंबे समय तक नियोक्ता की सेवा की है। छत्तीसगढ़ के एक
कर्मचारी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। दरअसल,
हाईकोर्ट ने कर्मचारी को ग्रेच्युटी देने के फैसले पर रोक लगा दी थी। अदालत
का कहना था कि 25 वर्षो की सेवा में याचिकाकर्ता नेतराम साहू तीन साल ही
नियमित रहा, शेष 22 साल उसने दिहाड़ी मजदूर की तरह काम किया है। ग्रेच्युटी
के दावे के लिए उसके पास पांच साल की आवश्यक सेवा नहीं है। सुप्रीमकोर्ट
ने कहा कि एक बार सेवा नियमित होने के बाद कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार हो
जाता है। इसके लिए उसकी पूर्व की सेवा भी गिनी जाएगी। बशर्ते वह दिखा सके
किउसने ग्रेच्युटी एक्ट की धारा 2 ए के अनुसार बिना रुकावट के पांच साल
सेवा की है।
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