इलाहाबाद : योगी सरकार की मंशा नए शैक्षिक सत्र में कान्वेंट स्कूलों की
तर्ज पर प्राथमिक स्कूल संचालित करने की है, ताकि उन बच्चों को लाभ मिले
जो महंगी फीस, वाहन किराया अदा नहीं कर सकते।
इस योजना से गांवों के बच्चे
आसपास के स्कूलों में ही अंग्रेजी माध्यम से आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं
लेकिन, इसका क्रियान्वयन सही से नहीं हो रहा है, बल्कि शिक्षकों को खुश
करने के लिए सड़क किनारे या फिर शहरी क्षेत्रों के आसपास के अधिकांश
स्कूलों का चयन हुआ है। प्रदेश भर में नए शैक्षिक सत्र में बेसिक शिक्षा
परिषद के करीब 5000 प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने
के निर्देश हुए हैं। हर जिले के शहरी व ग्रामीण विकासखंड में पांच-पांच
स्कूलों को चिह्न्ति किया गया। अब शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शिक्षा विभाग के अफसरों ने सरकार की उम्दा योजना का क्रियान्वयन सही से
नहीं किया है, क्योंकि ज्यादातर जिलों में ऐसे स्कूल सड़क किनारे या फिर
जहां आसानी से पहुंच सकते हैं उन्हीं को चुना है। तमाम स्कूल शहरों के
आसपास हैं, जहां पहले से निजी अंग्रेजी स्कूल बड़ी संख्या में चल रहे हैं।
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