68500 शिक्षक भर्ती में शिक्षामित्रों को मिलेगा वेटेज अंक, हाईकोर्ट में अपील करेगी सरकार

इलाहाबाद। 68500 शिक्षक भर्ती में शिक्षामित्रों के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार शिक्षामित्रों को वेटेज अंक का लाभ देने के लिए हाईकोर्ट में अपील दाखिल करेगी।
जिससे शिक्षक भर्ती में शिक्षामित्रों की संख्या में इजाफा होगा। सरकार ने इस भर्ती में शिक्षामित्रों को वेटेज अंक देने व उम्र सीमा में छूट देने का फैसला किया था। ऐसे में उस वादे के तहत शिक्षामित्रों को अधिकतम 25 अंक का लाभ दिया जाना है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा शिक्षक भर्ती में पासिंग पर्सेंटेज का पुराना नियम लागू करने के आदेश के चलते इस भर्ती में शिक्षामित्र पास नहीं हो सके, जिस संख्या में उन्हें वेटेज अंक की आवश्यकता पड़ती। अगर पासिंग परसेंटेज कम होता और भर्ती के पदों से अधिक लोग पास होते। तब वेटेज अंक का लाभ उठाकर शिक्षामित्रों को मेरिट में बढ़त मिल जाती और आसानी से उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाता। लेकिन, पासिंग परसेंटेज में बदलाव के बाद शिक्षा मित्रों की संख्या घट गई है। ऐसे में सरकार हाईकोर्ट में अपील दायर कर पासिंग परसेंटेज को कुछ और नीचे लाने का प्रयास करेगी।
राजनैतिक मजबूरी भी
अगले साल वर्ष 2019 में लोकसभा का चुनाव होना है। ऐसे में भाजपा सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि वह शिक्षामित्रों को संतुष्ट करें। क्योंकि उनके शासनकाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को रद्द किया है। ऐसे में शिक्षामित्रों का गुस्सा भाजपा सरकार से ही है। शिक्षामित्रों को 68500 पदों वली शिक्षक भर्ती से बहुत उम्मीदें थी और योगी सरकार ने भी उन्हें इस भर्ती में कई तरीके से लाभ देने की घोषणा की थी। लेकिन ऐन मौके पर रिजल्ट जारी होने से पहले हाईकोर्ट ने बदले गए नियमों को पर रोक लगा दी। जिसके बाद शिक्षामित्रों की उम्मीदें धूमिल हो गई और इसका असर यह रहा की भर्ती के पदों के सापेक्ष लोग पास भी नहीं हो सके। ऐसे में सरकार पासिंग परसेंटेज को थोड़ा और नीचे लाकर भर्ती के पदों को भरने व राजनीतिक गोट चलने का प्रयास करेगी।

खाली रह गई है सीटें
68500 पदों वली शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जारी होने के बाद अपेक्षाकृत कम अभ्यर्थी पास हुए और मौजूदा समय में 26944 सीटें खाली रह गई हैं। लेकिन मुश्किल तब अधिक सामना आई जब सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के लिए पासिंग परसेंटेज की घटोत्तरी वाले नियम को कोर्ट ने रद्द कर दिया। दरअसल 21 मई को शासन ने इस भर्ती में पास होने के लिए सामान्य व ओबीसी के लिए 33 प्रतिशत अंक व एससी-एसटी के लिए 30 फीसदी अंक का प्रावधान किया था। परंतु रिजल्ट घोषित होने से चंद दिन पहले ही हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर आए फैसले ने इस नियम को रद्द कर दिया और पासिंग परसेंटेज को पुराने नियम के तहत ही लागू करने व उसी के अनुसार रिजल्ट घोषित करने को कहा जिसके बाद हजारों सीटें खाली रह गई हैं।