68,500 भर्ती : सबकी भर्ती का दावा, फिर कैसे हुआ बाहर

सबकी भर्ती का दावा, फिर कैसे हुआ बाहर
भर्ती में फिर एक खेल लिखित परीक्षा के बाद किया गया। 16 अगस्त को बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन को जो प्रस्ताव भेजा, उसमें भर्ती 41,556 पदों के सापेक्ष करने की बात कही गई। वहीं, लिखित परीक्षा 68,500 पदों के सापेक्ष करवाई गई थी।
18 अगस्त को 41,556 पदों के सापेक्ष भर्ती के लिए जारी शासनादेश के साथ तय हो गया था कि पदों में यह बदलाव भर्ती पर भारी पड़ेगा। हालांकि, उसी दिन अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने ट्वीट कर कहा कि सभी 41,556 अभ्यर्थियों को शामिल किया जाएगा। इससे साफ है कि या तो वे नियमों से अनजान थे या उन्हें सही स्थिति की जानकारी नहीं दी गई। 31 अगस्त को काउंसलिंग लिस्ट जारी होने के बाद भर्ती से बाहर हुए 6000 अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद आनन-फानन में उन्हें नियुक्ति में शामिल करने का आदेश जारी हो गया। सवाल यह है कि अगर बाद में उन्हें शामिल करना ही था तो भर्ती से बाहर क्यों किए गए। अभी बेसिक शिक्षा विभाग से लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी तक को गलत मूल्यांकन के आरोपों से लेकर कॉपी का बारकोड बदलने की पुष्टि होने तक के मुद्दों पर हाई कोर्ट में जवाब देना है। भर्ती का भविष्य पहले से कोर्ट के आदेश के अधीन है। खास बात यह है कि बेसिक शिक्षा परिषद की कार्यप्रणाली पर लगातार गंभीर सवाल हैं। बावजूद इसके नियमों को बनाने-बिगड़ाने वाले चुनिंदा चेहरे वहां अरसों से जमे हैं। दूसरी ओर नियमों में उठा-पटक के कारण सरकार भर्ती का श्रेय लेने की जगह सफाई देने में उलझ गई है।