लखनऊ: सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों ने आज लखनऊ में प्रोटेस्ट किया. सैकड़ों की संख्या में युवतियों सहित यहां पहुंचे युवाओं ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थी हाथ जोड़ कर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान यहां पहुंची पुलिस ने बलपूर्वक अभ्यर्थियों को हटाया.
काउंसलिंग कराने और नौकरी की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने घसीटते हुए हटाया. इस दौरान युवक युवती हाथ जोड़कर रोते देखे गए. जिस तरह से पुलिस ने अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की, उसकी सोशल मीडिया पर आलोचना की जा रही है.
भीड़ देख अफसरों ने खुद को शिक्षा निदेशालय में किया बंद
उत्तर प्रदेश भर से आज सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी (बीटीसी उत्तीर्ण) लखनऊ पहुंच गए. इतने अभ्यर्थियों को देख शिक्षा निदेशालय के अफसरों, कर्मचारियों खुद को कार्यालयों को बंद कर लिया. नारेबाजी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों से हटने को कहा. इस पर अभ्यर्थियों ने हाथ जोड़े और प्रदर्शन करने देने को कहा. नहीं मानने पर पुलिस ने इन्हें बलपूर्वक हटाया. युवकों सहित युवतियां भी तस्वीरों में रोती हुई नजर आ रही हैं.
ये है पूरा मामला
यूपी में बीजेपी सरकार ने 68500 शिक्षक भर्ती निकाली गई थी. इस परीक्षा में 41, 556 अभ्यर्थियों को ही सफल घोषित किया गया था. इसकी काउंसलिंग के दौरान इसमें से भी करीब 6 हजार अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया को बाहर कर दिया. बताया जा रहा है कि इनमें अधिकतर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी थे, जिन्हें प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया. इसी से अभ्यर्थी गुस्साए हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रक्रिया में धांधली की गई.
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘68500 शिक्षक भर्ती’ में शेष 32640 सीटों को तुरंत भरे जाने व मूल्यांकन की अनियमितताओं के ख़िलाफ़ जब अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं, तो भाजपा सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है. प्रदेश के बेबस बेरोजगार युवाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार सत्ता के अहंकार में डूबे भाजपाइयों की आदत बन गई है.