उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित लगभग 700 शिक्षकों
को बीते आठ वर्षों से नियुक्ति का इंतजार है। सरकार, चयन बोर्ड से लगातार
गुहार के बाद भी टीजीटी-पीजीटी परीक्षा पास करने और साक्षात्कार में सफल
होने के बाद इन चयनित शिक्षकों की एक और दीपावली बिना नियुक्ति के बीत गई।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक
विद्यालयों में खाली पदों पर जिला विद्यालय निरीक्षक से खाली पदों का विवरण
मांगता है, विवरण मिलने के बाद चयन बोर्ड की ओर से इन पदों के लिए
विज्ञापन जारी करके परीक्षा कराई जाती है। चयन बोर्ड की ओर से 2007, 2008
एवं 2009 में हुई टीजीटी-पीजीटी परीक्षा में सफल लगभग 700 शिक्षक जब
नियुक्ति के लिए संबंधित विद्यालय में पहुंचे तो वहां पता चला कि वहां कोई
पद खाली नहीं है।
चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र लेकर विद्यालय से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय और चयन बोर्ड के बीच में दौड़ लगाते रहे परंतु उन्हें विद्यालय वालों ने ज्वाइनिंग नहीं कराई। सरकार से बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद अब उम्मीद जगी है कि इन शिक्षकों को नए अधियाचन में समायोजित कर समस्या का समाधान किया जाए। नियुक्ति नहीं मिलने से परेशान चयनित शिक्षकों ने योगी सरकार से उन्हें समायोजित करने की मांग की है। चयन बोर्ड के अधिकारी बार-बार आश्वासन के बाद भी शिक्षकों को विद्यालयों में ज्वाइनिंग नहीं करवा सके हैं।
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चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र लेकर विद्यालय से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय और चयन बोर्ड के बीच में दौड़ लगाते रहे परंतु उन्हें विद्यालय वालों ने ज्वाइनिंग नहीं कराई। सरकार से बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद अब उम्मीद जगी है कि इन शिक्षकों को नए अधियाचन में समायोजित कर समस्या का समाधान किया जाए। नियुक्ति नहीं मिलने से परेशान चयनित शिक्षकों ने योगी सरकार से उन्हें समायोजित करने की मांग की है। चयन बोर्ड के अधिकारी बार-बार आश्वासन के बाद भी शिक्षकों को विद्यालयों में ज्वाइनिंग नहीं करवा सके हैं।
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