बोर्ड परीक्षा केन्द्र निर्धारण में बड़े पैमाने पर घपला

गोंडा। यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए जारी हुई परीक्षा केन्द्रों की सूची सार्वजनिक होते ही विवादों से घिर गई। सूची में बड़े पैमाने पर घपला उजागर हुआ है। हद तो यह हो गई है बोर्ड परीक्षा के इतिहास में पहली बार शहर में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज को ही परीक्षा केन्द्र नही बनाया गया है।
यही नही कई परीक्षा केन्द्र ऐसे बना दिए गए हैं जिनका मानक ही पूरा नही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग में परीक्षा केन्द्र की सूची को लेकर पूरे दिन घमासान मचा रहा है। कई केन्द्रों के शिक्षक जिला विद्यालय निरीक्षण दफ्तर में पहुंचे और इस तरह की सूची पर सवाल करते देखे गए। नकल मुक्त परीक्षा कराने के दावों के शुरु हुई तैयारियों की शुुरुआती तैयारी से ही नकल माफियों के पैठ की आहट मिल गई है। 117 परीक्षा केन्द्रों की सूची में 40 के करीब परीक्षा केन्द्र ऐसे शामिल बताए जा रहे हैं जहां मानक की कमी थी। कमी को अनदेखी करके उन्हें परीक्षा केन्द्र बना दिया गया है।
यूपी बोर्ड परीक्षा फरवरी माह में शुरू होनी है। इसके लिए सबसे पहले परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण होता है। इस बार परीक्षा केन्द्र के निर्धारण से ही स्थिति स्पष्ट हो गई है कि परीक्षा के समय क्या होना है। नकल माफियों की पैठ का असर रहा कि सरकारी कालेज भी केन्द्र बनने को तरस रहे हैं। जिन कालेजों में बीटीसी, शिक्षक भर्ती समेत सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं होती हैं उन्हे बोर्ड परीक्षा की केंद्र से ही बाहर करना चौंकाने वाला है। दो तो शहर केे जीआईसी और जीजीआईसी ही हैं। इसके अलावा मानक में फेल साबित हो चुके कटरा बाजार के रामदयाल मिश्र इंटर कॉलेज और मनकापुर के शमीम इंटर कालेज चेतपुरवा को परीक्षा केंद्र बना दिया गया है। इसी तरह बेलसर के नकल के लिए कुख्यात महाशक्ति विद्यापीठ इंटर कालेज परसदा की धारण क्षमता 275 की थी जबकि परीक्षा नीति में 300 से कम के कालेज को केन्द्र बनाए जाने पर रोक थी। इसके अलावा न तो सीसीटीवी है और न ही अन्य संसाधन ही हैं। इस तरह कुशलता से परीक्षा कराने वाले कालेजों से किनारा कसते हुए यूपी बोर्ड ने ऐसे केन्द्र बना दिए हैं कि लोग देखकर ही भौचक्के हैं। करीब एक दर्जन स्कूल तो ऐसे परीक्षा केन्द्र बन गए हैं जो मानक की कसौटी पर खरे नही उतरे थे। अब बोर्ड स्तर से जारी हुई सूची ऐसी हैं तो लोग सकते मेें है। फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय सिर्फ प्रत्यावेदन जमा करने की सलाह देकर लोगों को समझाने में जुटा है।
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ऑनलाइन केन्द्र निर्धारण की व्यवस्था में लगा सेंध
यूपी बोर्ड परीक्षा में केन्द्र निर्धारण की ऑनलाइन व्यवस्था में भी नकल माफियों ने सेंध लगा कर दिखा दिया। स्थानीय स्तर पर खेल तो हुए ही लेकिन केन्द्र निर्धारण की सूची जारी होते-होते बोर्ड की सच्चाई सामने आ गई। जिस सूची से सरकारी कालेजों का ही नाम गायब हो तो साख पर बट्टा लगना तय ही था। विभाग के लोग भी हैरान हैं कि आखिर यह कैसे हो सकता है। अब तो पूरी सूची ही संदेह के दायरे में आ गई है। बताया जा रहा है कि दूसरी बार केंद्र निर्धारण आन लाइन हो रहा था और पहली बार में ही नकल माफिया खेल की जानकारी कर चुके थे। इस बार उन लोगों ने सीधे संपर्क साधा, उसके बाद क्या खेल हुआ सूची में साफ-साफ दिख रहा है।
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डीआईओएस दफ्तर ने भी दिखाई थी हाथ की सफाई
परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में गोलमाल की शुरुआत जिला विद्यालय निरीक्षक दफ्तर में भी जमकर हुआ था। कालेजों की ओर से संसाधनों की आनलाइन फीडिंग में खूब फेरबदल हुए। सत्यापन के नाम पर पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट से भी छेड़छाड़ किया गया। कई कॉलेज ऐसे रहे जिनकी क्षमता और कमरों की स्थिति में बदलाव कर दिया गया। परीक्षा केन्द्र तय करने में रिपोर्ट ही मायने रखता था तो उसमें खूब खेल किए। रही सही कसर यूपी बोर्ड ने पूरी कर दी। इसके बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक के यहां दो दर्जन से अधिक प्रार्थना पत्र भी दिए गए लेकिन कोई असर नही दिखा।
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जिलाधिकारी ने दिया सम्मान, बोर्ड ने किया बाहर
यूपी बोर्ड परीक्षा सकुशल निपटाने में सूबे में नाम कमाने वाले कालेज को ही परीक्षा केन्द्र नही बनाया गया है। परसपुर क्षेत्र के मंगुरा बाजार में स्थित दयानंद शिक्षा संस्थान इंटर कॉलेज में यूपी बोर्ड के निर्देश के पहले से ही वर्ष 2014 से सीसीटीवी कैमरे में परीक्षाएं हो रही है। वर्ष 2017 में तत्कालीन डीएम आशुतोष निरंजन ने परीक्षा केन्द्र का निरीक्षण किया था और प्रदेश में सबसे पहले बोर्ड परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में कराने पर सम्मानित किया था। इस बार सभी मानक पूरे करने के बाद भी कालेज को केन्द्र न बनाया जाना चौंकाने वाला है।
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परीक्षा केन्द्र की सूची मिली है। कई कमियों की शिकायतें भी आ रही हैं। 10 नवम्बर तक आपत्ति ली जा रही है। कई कालेजों की आपत्ति प्राप्त भी हो रही है। इसका निस्तारण कराएंगे। राजकीय कालेजों को केन्द्र न बनाए जाने की जानकारी हुई, उन्हे केन्द्र बनाया जाए इसके लिए प्रयास करेंगे। समस्याओं से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है।
अनूप कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक