1) शून्य रिक्तियों वाले 24 जनपद के लगभग 6000 अभ्यर्थियों को कोर्ट ने
इसलिए बाहर कर दिया हैं क्योंकि 21.12.2016 के circular के clause 6(ख)
द्वारा शून्य रिक्तियों के जनपद से आवेदन आमंत्रित करने के प्रावधान बनाने
की शक्ति सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के पास नहीं है।
2) इसलिए आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के नियम 6 और 14(1)(a) में Retrospectively संशोधन कर दें।
3) नियम 6 के निम्नलिखित हिस्से को retrospectively हटा दिया जाए जिससे 16460/12460 भर्ती 15.12.2016 के शासनादेश से पूर्व यह नियम समाप्त माना जाए -
"परंतु यह भी कि जहाँ बेसिक स्कूलों के अध्यापकों के लिए विहित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के पश्चात किसी अभ्यर्थी को जिले में रिक्ती उपलब्ध न होने के कारण नियुक्ति न मिल सकी हो वहाँ उसकी आयु की संगणना के लिए उतनी अवधि को जब तक उसे नियुक्ति न मिली हो नहीं गिना जाएगा, यदि नियुक्ति के दिनांक को उसने 50 वर्ष से अधिक आयु प्राप्त न की हो।"
4) नियम 14(1)(a) में निम्नलिखित हिस्से को retrospectively जोड़ दिया जाए जिससे 12460 भर्ती 15.12.2016 के शासनादेश से पूर्व यह नियम लागू माना जाए -परंतु यह कि जिन जनपदों में पद विज्ञापित नहीं है, उन जनपदो के प्रशिक्षण उपाधिधारी किसी अन्य जनपद में प्रथम वरीयता जनपद के आधार पर आवेदन के पात्र होंगे।
2) इसलिए आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के नियम 6 और 14(1)(a) में Retrospectively संशोधन कर दें।
3) नियम 6 के निम्नलिखित हिस्से को retrospectively हटा दिया जाए जिससे 16460/12460 भर्ती 15.12.2016 के शासनादेश से पूर्व यह नियम समाप्त माना जाए -
"परंतु यह भी कि जहाँ बेसिक स्कूलों के अध्यापकों के लिए विहित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के पश्चात किसी अभ्यर्थी को जिले में रिक्ती उपलब्ध न होने के कारण नियुक्ति न मिल सकी हो वहाँ उसकी आयु की संगणना के लिए उतनी अवधि को जब तक उसे नियुक्ति न मिली हो नहीं गिना जाएगा, यदि नियुक्ति के दिनांक को उसने 50 वर्ष से अधिक आयु प्राप्त न की हो।"
4) नियम 14(1)(a) में निम्नलिखित हिस्से को retrospectively जोड़ दिया जाए जिससे 12460 भर्ती 15.12.2016 के शासनादेश से पूर्व यह नियम लागू माना जाए -परंतु यह कि जिन जनपदों में पद विज्ञापित नहीं है, उन जनपदो के प्रशिक्षण उपाधिधारी किसी अन्य जनपद में प्रथम वरीयता जनपद के आधार पर आवेदन के पात्र होंगे।