HC: PCS-2018 में बीडीओ के खाली पदों को जोड़ने की याचिका खारिज, लगा हर्जाना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस 2018 में बीडीओ के खाली पदों को शामिल करने को लेकर दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी है. इसके अलावा कोर्ट ने याची पर 25500 रुपए का हर्जाना भी लगा दिया है. जस्टिस यशवंत वर्मा की एकलपीठ ने ये आदेश दिया है.


अवनीश पाण्डेय ने ये याचिका दाखिल की थी. याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि PCS 2018 में बीडीओ के रिक्त पदों को जोड़ दिया जाए. मामले में हाईकोर्ट ने याची को कहा कि उसके पास याचिका दाखिल करने का कानूनी अधिकार नहीं है. बता दें प्रदेश में तीन साल से बीडीओ के 460 पद रिक्त चल रहे हैं. उधर याचिका खारिज होने के बाद याची ने फैसले के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में अपील की बात कही है.



जाति प्रमाण पत्र जारी न करने पर सरकार से मांगा जवाब



उधर एक अन्य मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टॉफ नर्स महिला के पद पर चयनित याची को जाति प्रमाण पत्र जारी न करने के केस में राज्य सरकार से एक माह में जवाब तलब किया है. बलिया की भारती कुमारी ने ये यचिका दाखिल की है. याची लोक सेवा आयोग से एसटी कोटे में चयनित है. याचिका में कहा गया है कि लेखपाल की रिपोर्ट के बावजूद जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है. जस्टिस भारती सप्रू और जस्टिस जयंत बनर्जी की खंण्डपीठ ने ये आदेश दिया है.

मुजफ्फरनगर के इंटर कॉलेज के मैनेजर का चयन रद्द


इसके अलावा हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर के एक अन्य केस में सरस्वती इंटर कालेज दीपल्हेरा ककराला, खतौली के प्रबन्धक का चयन रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने प्रबन्धक राजेंद्र सिंह के चुनाव को अवैध करार देते हुए चयन रद्द कर डीआईओएस को प्रबन्धक का नये सिरे से नियमानुसार चुनाव कराने का निर्देश दिया है. कालेज प्रबंधन नियमावली के अनुसार लगातार दो बार से अधिक चुनाव नही लड़ सकता, किन्तु एक गैप के बाद वह चुनाव लड़ सकता है. प्रबन्धक पर तीसरी बार चुने जाने पर आपत्ति को दरकिनार कर निरीक्षक ने दे दी थी मान्यता. इस निर्णय को याचिका में चुनौती दी गयी थी. भारत वीर आर्य की याचिका को स्वीकार करते हुआ जस्टिस प्रमोद कुमार की एकलपीठ ने ये आदेश दिया.