यूपीटीईटी (UPTET) के मोर्चे पर भी मिली राहत

शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा एक से आठ तक की भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य है। इस क्रम में राज्य सरकार उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करती है।
यूपीटीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी को सरकार इस आशय का प्रमाणपत्र देती है कि यह प्रमाणपत्र हासिल करने वाला ही शिक्षक नियुक्त हो सकता है। इस मामले में टीईटी को लेकर सवालिया निशान खड़े किए गए थे। यदि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी होती तो बीटीसी/बीएड करते हुए यूपीटीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र भी अवैध हो जाते।

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