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बर्खास्त हेडमास्टर से 24.71 लाख की रिकवरी , इंटरमीडिएट के अंक पत्र में पकड़ी गई हेरा-फेरी

बलरामपुर। बर्खास्त हेडमास्टर से 24.71 लाख रुपये के रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यूपी बोर्ड इलाहाबाद ने इंटरमीडिएट के अंक पत्र में फर्जी होने की पुष्टि की है। हेडमास्टर ने इंटरमीडिएट का फर्जी अंक पत्र लगाकर सहायक अध्यापक के पद तैनाती कराई थी। वर्ष 1997 में हेडमास्टर की तैनाती शिक्षा क्षेत्र तुलसीपुर के प्राथमिक विद्यालय गौरामाफी में सहायक अध्यापक के पद हुई थी। बीएसए ने डीएम गोंडा को रिकवरी के लिए पत्र लिखा है।बीएसए जय सिंह ने गत दिवस डीएम गोंडा को भेजे पत्र में उल्लेख किया है कि 26 जून 1997 में तुलसीपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गौरामाफी में तत्कालीन बीएसए ने रामचंदर दूबे की तैनाती की थी। वर्ष 1775 में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण वीना कुमारी चौहान का अंक पत्र फर्जी लगाकर सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती करा ली। वर्ष 2002 में सहायक अध्यापक के पद से रामचंदर का श्रीदत्तगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय महोलिया में हेडमास्टर के पद पर प्रमोशन किया गया था। शिकायत मिलने पर तत्कालीन बीएसए ने 28 जनवरी 2008 को रामचंदर दूबे के अंक पत्र की जांच कराई तो 21 जुलाई 2008 को यूपी बोर्ड इलाहाबाद ने फर्जी होने की रिपोर्ट भेजी। बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन बीएसए ने 19 नवंबर 2008 को निलंबित कर दिया। जांच प्रक्रिया पूरी होने के 23 जनवरी 2013 को निलंबित हेडमास्टर रामचंदर दूबे को तत्कालीन बीएसए ने बर्खास्त कर दिया। बीएसए जय सिंह ने गुरुवार को बर्खास्त हेडमास्टर से सर्विस के दौरान वेतन के रूप में ली गई सरकारी धनराशि को राजकोष में जमा कराने के लिए डीएम प्रीति शुक्ला के माध्यम से डीएम गोंडा को पत्र लिखा है। बीएसए ने बताया कि डीएम गोंडा द्वारा रिकवरी के बाद सरकारी धन को राजकोष में जमा कराया जाएगा।
वर्ष 1997 में सहायक अध्यापक के पद हुई थी तैनाती
बीएसए ने डीएम गोंडा को रिकवरी के लिए लिखा पत्र


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