डेढ़ माह बाद भी जारी न हो सकी संशोधित ‘आन्सर की’

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : तीन चरणों की परीक्षा खत्म होने के बाद भी संशोधित आन्सर की न जारी होने से उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। आयोग ने फिलहाल इस मसले पर चुप्पी साध रखी है जिससे अभ्यर्थियों में सवालों को लेकर असमंजस बढ़ता जा रहा है।

फिलहाल आयोग चौथे चरण की परीक्षा की तैयारियों में जुटा हुआ है। सूत्रों की मानें तो हाल-फिलहाल आन्सरक ी जारी होने के आसार भी नहीं है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की सहायक प्रोफेसर परीक्षा में आवेदकों की संख्या साठ हजार से ज्यादा है।
महाविद्यालयों के 1652 पद इस परीक्षा के जरिए भरे जाएंगे। आयोग ने फैसला लिया था कि अभ्यर्थियों की आपत्तियां आने के बाद निर्धारित तिथियों पर संशोधित आन्सर की (उत्तर कुंजी) जारी की जाएगी।
इसके तहत पहले चरण की परीक्षा की आन्सर की 19 जनवरी को जारी होनी थी। आठ विषयों के लिए यह परीक्षा सात दिसंबर को आयोजित हुई थी। इसकी आन्सर की 23 दिसम्बर को जारी की गई।
परीक्षार्थियों ने इसमें कई सवालों के उत्तरों पर अपनी आपत्ति दाखिल की। इसके बाद आयोग ने कहा कि आपत्तियां विषय विशेषज्ञों के सामने रखी जाएंगी। सूत्रों के अनुसार अभी यह प्रक्रिया भी नहीं हो सकी है। आयोग चाहता है कि चारो चरणों की परीक्षा समाप्त होने के बाद एक साथ आन्सर की जारी की जाए ताकि यदि कोई विवाद खड़ा होता है तो उसका अन्य परीक्षाओं पर असर न पड़े।
इधर अभ्यर्थियों में अपने सवालों के उत्तरों को लेकर बेचैनी है। बिना संशोधित आन्सर की जारी हुए वे अपने अंकों का आकलन नहीं कर सकते। आयोग ने पहले चरण के आन्सर की जारी होने की तिथि तो घोषित कर दी थी लेकिन अन्य दोनों चरणों की तारीखें नहीं घोषित की गईं। जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में संशोधित आंसर की जारी करने का फैसला दे रखा है।
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