इलाहाबाद। इविवि में शिक्षकों की
खींचतान में छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर है। विश्वविद्यालय में
शिक्षकों की कमी की समस्या और बढ़ने जा रही है। विवाद के बाद रिटायर
शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया भी रोक दी गई है। रजिस्ट्रार की ओर
से शनिवार को इस आशय का आदेश भी जारी कर दिया गया। विश्वविद्यालय में
शिक्षकों के 500 से अधिक पद खाली हैं। इससे पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित है।
विकल्प के तौर पर रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति और गेस्ट फैकेल्टी की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई।
गेस्ट फैकेल्टी की भर्ती भी अधिकतम 10 फीसदी पदों पर ही की जा सकती है। जबकि शिक्षकों के आधे से अधिक पद खाली हैं। ऐसे में रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति पर भी रोक लगने से नियमित कक्षाओं को लेकर समस्या और बढ़ जाएगी।
कुलपति प्रोफेसर एनआर फारूकी 14 अगस्त को रिटायर हो जाएंगे।
ऐसे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पत्र आया कि वह कोई नया फैसला नहीं ले सकते। मंत्रालय के इस पत्र के बाद विश्वविद्यालय में कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम (कैस) के तहत शिक्षकों के प्रमोशन आदि की प्रक्रिया रोक दी गई। हालांकि रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया जारी रखी। इस पर शिक्षक संघ (आटा) ने आपत्ति जताई थी। संघ की ओर से कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया था कि रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति पर उन्हें कोई एतराज नहीं है लेकिन इसी अधिकार के तहत उनके प्रमोशन के लिए भी सेलेक्शन कमेटी बुलानी चाहिए। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने रिटायर शिक्षकों के पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया भी रोक दी।
इस आशय का पत्र आटा के महामंत्री को भी उपलब्ध करा दिया गया है। रजिस्ट्रार प्रो. बीपी सिंह ने बताया कि शिक्षक संघ ने रिटायर शिक्षकों के दोबारा नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी जिसके बाद कुलपति के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया।
शिक्षक संघ की आपत्ति के बाद रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश
शिक्षकों की पहले से ही है कमी, कक्षाओं के नियमित संचालन की बढ़ी चुनौती
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गेस्ट फैकेल्टी की भर्ती भी अधिकतम 10 फीसदी पदों पर ही की जा सकती है। जबकि शिक्षकों के आधे से अधिक पद खाली हैं। ऐसे में रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति पर भी रोक लगने से नियमित कक्षाओं को लेकर समस्या और बढ़ जाएगी।
कुलपति प्रोफेसर एनआर फारूकी 14 अगस्त को रिटायर हो जाएंगे।
ऐसे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पत्र आया कि वह कोई नया फैसला नहीं ले सकते। मंत्रालय के इस पत्र के बाद विश्वविद्यालय में कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम (कैस) के तहत शिक्षकों के प्रमोशन आदि की प्रक्रिया रोक दी गई। हालांकि रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया जारी रखी। इस पर शिक्षक संघ (आटा) ने आपत्ति जताई थी। संघ की ओर से कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया था कि रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति पर उन्हें कोई एतराज नहीं है लेकिन इसी अधिकार के तहत उनके प्रमोशन के लिए भी सेलेक्शन कमेटी बुलानी चाहिए। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने रिटायर शिक्षकों के पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया भी रोक दी।
इस आशय का पत्र आटा के महामंत्री को भी उपलब्ध करा दिया गया है। रजिस्ट्रार प्रो. बीपी सिंह ने बताया कि शिक्षक संघ ने रिटायर शिक्षकों के दोबारा नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी जिसके बाद कुलपति के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया।
शिक्षक संघ की आपत्ति के बाद रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश
शिक्षकों की पहले से ही है कमी, कक्षाओं के नियमित संचालन की बढ़ी चुनौती
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