जागरण संवाददाता, लखनऊ : ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने वर्ष 2009 से पूर्व
पीएचडी की है, उनके मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रलय जल्द कोई ठोस व
न्यायोचित निर्णय लेगा। यह जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री
रामशंकर कठेरिया ने दी।
नेशनल पीजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार ही इस प्रकरण पर कोई फैसला लिया जाएगा।
दरअसल वर्ष 2009 से पूर्व पीएचडी करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक पद पर साक्षात्कार करने से लखनऊ विश्वविद्यालय ने रोक दिया था। इसके बाद दो अभ्यर्थियों के हाईकोर्ट की शरण लेने के बाद उन्हें साक्षात्कार में बैठाया गया। इस प्रकरण पर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर वर्ष 2009 से पहले पीएचडी रेग्युलेशन में छह बिंदु हैं और वर्ष 2009 के पीएचडी रेग्युलेशन में 11 बिंदु तो आखिर अभ्यर्थी किस तरह नए नियम का पालन कर पाएंगे। फिर अगर वर्ष 2009 से पूर्व वालों को नेट व स्लेट में छूट की व्यवस्था है तो वह दी जानी चाहिए। इसमें हम कानूनी राय लेंगे और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करवाएंगे। हमारी यह पूरी कोशिश रहेगी कि किसी के साथ भेदभाव न होने पाए।
उन्होंने कहा कि यूपी में राज्य सरकार अगर राज्य विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव करवाने की घोषणा कर रही है तो यह अच्छा कदम है। हम तो केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लोकतंत्र की बहाली के लिए छात्रसंघ चुनाव करवा ही रहे हैं।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती गन्दे काम -->> Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
नेशनल पीजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार ही इस प्रकरण पर कोई फैसला लिया जाएगा।
दरअसल वर्ष 2009 से पूर्व पीएचडी करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक पद पर साक्षात्कार करने से लखनऊ विश्वविद्यालय ने रोक दिया था। इसके बाद दो अभ्यर्थियों के हाईकोर्ट की शरण लेने के बाद उन्हें साक्षात्कार में बैठाया गया। इस प्रकरण पर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर वर्ष 2009 से पहले पीएचडी रेग्युलेशन में छह बिंदु हैं और वर्ष 2009 के पीएचडी रेग्युलेशन में 11 बिंदु तो आखिर अभ्यर्थी किस तरह नए नियम का पालन कर पाएंगे। फिर अगर वर्ष 2009 से पूर्व वालों को नेट व स्लेट में छूट की व्यवस्था है तो वह दी जानी चाहिए। इसमें हम कानूनी राय लेंगे और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करवाएंगे। हमारी यह पूरी कोशिश रहेगी कि किसी के साथ भेदभाव न होने पाए।
उन्होंने कहा कि यूपी में राज्य सरकार अगर राज्य विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव करवाने की घोषणा कर रही है तो यह अच्छा कदम है। हम तो केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लोकतंत्र की बहाली के लिए छात्रसंघ चुनाव करवा ही रहे हैं।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती गन्दे काम -->> Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC