Tuesday 12 January 2016

उमादेवी प्रकरण और शिक्षा मित्र प्रकरण में अंतर - सय्यद सलमान आरफ़ी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

शिक्षा मित्र साथियों इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षा मित्र समायोजन रद्द करने के अनेक कारणों में से एक कारण उमादेवी प्रकरण में संविदा कर्मी को कभी भी मौलिक नियुक्ति न देने का आदेश भी है ।इस केस में गोर करने की बात ये है की उमादेवी केस ये कहता है

की संविदा के समय योग्य अभ्यर्थी मौजूद होने के बा वजूद इसलिए आवेदन नही करते क्योंकि उस समय वे लोग संविदा के शर्तों से सन्तुष्ट नहीं होते है और इस कारण जब उन्ही संविदा कर्मियों को मौलिक रूप से नियुक्त किया जाता है तो इस कारण ऐसे अभ्यर्थी जो संविदा की शर्तों से सन्तुष्ट न होने के कारण आवेदन नही कर सके थे। उन अभ्यर्थियों का हित प्रभावित होता है।और यहींअनुच्छेद 14 व 16 का उलंघन है।परन्तु शिक्षा मित्र प्रकरण इससे बिलकुल अलग है शिक्षा मित्र संविदा नियुक्ति के समय कोई योग्य अभ्यर्थी मौजूद ही नहीं था।उस समय बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 यथा संशोधित के अनुसार btc उत्तीर्ण वियक्ति ही बेसिक विद्यालय में नियुक्ति का पात्र था ।प्रदेश में कुल डायट से प्रति वर्ष केवल 7000 से 7500 लोग btc उत्तीण हो रहे थे जबकि अध्यापको की कमी व नए पद सर्जन के बाद उपलब्ध योग्य अभ्यर्थी व रिक्तियों के बीच 40 से 50 हज़ार पद रिक्त चल रहे थे।इसी कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा मित्र की वयवस्था की गई।यहाँ ये देखना है की जब योग्य अभ्यर्थी ही मौजूद नही तो उसके अधिकारो के हनन का प्रश्न ही नहीं उठता ।और जब किसी भी वियक्ति के अधिकरों का हनन नही हुआ तो अनुच्छेद 14 व 16 का उलंघन का भी प्रश्न नही।यहाँ पर 2001 से 2004 के बीच योग्य btc प्रशिक्षु व उपलब्ध रिक्तियों की गणना के बीच के अंतर को साक्ष्यो के आधार पर प्रस्तुत किया जा सकता है।इसी बीच बीएड के कुछ चन्दा चोर अपने आप को भी योग्य अभ्यर्थी की तरह पेश करेंगे ।जबकि बीएड की तमाम भर्ती हमेशा से ही एक काम चलाऊ वयवस्था के रूप सेम 2 सेम शिक्षा मित्र की ही तरह बिना किसी नियमवाली के होती रही है ।इसलिए बीएड धारक प्राथमिक के लिए न कभी पहले योग्य अभ्यर्थी के श्रेणी में थे और न आज है।इसलिए 24 को बीएड सदा के लिए अलविदा होना तय है।मेरी रिकवेस्ट गाज़ी इमाम आला जी,शाही जी ,माधव गंगवार,दीनानाथ दीक्षित ,रामकुमार गुप्ता जी,राकेश यादव जी से ये है ।की जो तथ्य मेने आपके सामने रखा है ये उमा देवी केस व् अनुच्छेद 14 व 16 की अचूक काट है।इसलिये इस विषय अगर अधिक जानकरी चाहिए तो किर्पया मुझसे मेरे नम्बर पर सम्पर्क कर सकते है ।ताकि मिलकर शिक्षा मित्र हित में इस लड़ाई को लड़ा जा सके व विजय प्राप्त की जा सके। हमारी टेट टीम के अनुभवी लायर श्री rk singh साहब को भी इस विषय में जल्द ही अवगत कराया जायेगा।।इसके अतिरिक्त बहुत ज़रूरी बात अपने टेट पास साथियों से कहूँगा की आप लोग इस बार सुप्रीम कोर्ट में याची आवश्यक बने ।ताकि हमारी संख्या बल का अंदाज़ा कोर्ट और विपक्षी को हो सके ।इसके लिए आप लोग अपने बायो डेटा वाला फॉर्म फिलअप करके मेरे पास तक पहुचने की कृपा करे ताकि समय रहते आप लोगो को याचिका में शामिल किया जा सके।अपने नॉन टेट साथियों से भी एक बात ज़रूर कहूँगा की इस बार टेट की ज़ोर दार तैयारी करे।व टेट उत्तीर्ण करके अपनी योग्यता का परचम लहरा दे।ताकि सारी ज़िन्दगी दाग से पीछा छुड़ाया जा सके।इन्ही शब्दों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूँ।
आपका साथी
सय्यद सलमान आरफ़ी
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