राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2015
से बिना उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन हुए बाहर होने का हजारों अभ्यर्थियों
पर खतरा मंडरा रहा है।
यह प्रकरण दैनिक जागरण ने ‘टीईटी से हजारों परीक्षार्थी होंगे बाहर’ प्रमुखता से उजागर किया तो परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव कार्यालय में ऐसे आवेदनों की भरमार हो गई है, जिन्होंने ओएमआर शीट भरने में कुछ कालम छोड़ दिए हैं।
वह अब तरह-तरह से अनुरोध कर रहे हैं कि उनकी शीट का भी मूल्यांकन किया जाए। यूपी टीईटी 2015 परीक्षा बीते दो फरवरी को प्रदेश भर के विभिन्न केंद्रों पर कराई जा चुकी है। इसमें करीब नौ लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए। परीक्षा की ओएमआर शीट पर रजिस्ट्रेशन नंबर, अनुक्रमांक, प्रश्न पुस्तिका सीरीज, भाषा विकल्प, गणित-विज्ञान या सामाजिक विज्ञान व अन्य सभी प्रविष्टियां को भरा जाना अनिवार्य था, लेकिन बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने इन सूचनाओं में से कुछ को ही भरा है, वहीं कुछ ने इसे कक्ष निरीक्षक के भरोसे छोड़ दिया। युवा अवनीश गौतम, अखिलेश कुमार साहू आदि ने प्रार्थना पत्र देकर अनुरोध किया है कि उनका अंकन अधूरा है कृपया परीक्षा परिणाम से उन्हें बाहर न करें। वहीं परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नीना श्रीवास्तव का कहना है कि यदि ओएमआर शीट भरी नहीं है तो आखिर किस आधार पर उसका मूल्यांकन कराएंगे। कंप्यूटर अंकन को ही जांचेगा। कक्ष निरीक्षकों को निर्देश दिए गए थे, लेकिन पहली जिम्मेदारी परीक्षार्थी की ही है।
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वह अब तरह-तरह से अनुरोध कर रहे हैं कि उनकी शीट का भी मूल्यांकन किया जाए। यूपी टीईटी 2015 परीक्षा बीते दो फरवरी को प्रदेश भर के विभिन्न केंद्रों पर कराई जा चुकी है। इसमें करीब नौ लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए। परीक्षा की ओएमआर शीट पर रजिस्ट्रेशन नंबर, अनुक्रमांक, प्रश्न पुस्तिका सीरीज, भाषा विकल्प, गणित-विज्ञान या सामाजिक विज्ञान व अन्य सभी प्रविष्टियां को भरा जाना अनिवार्य था, लेकिन बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने इन सूचनाओं में से कुछ को ही भरा है, वहीं कुछ ने इसे कक्ष निरीक्षक के भरोसे छोड़ दिया। युवा अवनीश गौतम, अखिलेश कुमार साहू आदि ने प्रार्थना पत्र देकर अनुरोध किया है कि उनका अंकन अधूरा है कृपया परीक्षा परिणाम से उन्हें बाहर न करें। वहीं परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नीना श्रीवास्तव का कहना है कि यदि ओएमआर शीट भरी नहीं है तो आखिर किस आधार पर उसका मूल्यांकन कराएंगे। कंप्यूटर अंकन को ही जांचेगा। कक्ष निरीक्षकों को निर्देश दिए गए थे, लेकिन पहली जिम्मेदारी परीक्षार्थी की ही है।
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