अप्रैल के पहले सप्ताह में आसमान से मानो आग बरसने लगी है। वैसे तो
गर्मी प्रदेश भर में लोगों के पसीने छुड़ा रही है, लेकिन तापमान सबसे अधिक
इलाहाबाद का है। दोपहर में
स्कूलों में मासूम झुलस रहे हैं, उनके लिए पहल भी इलाहाबाद से ही हो रही
है।
माना जा रहा है कि इसके बाद सूबे के अन्य हिस्सों में भी गर्मी स्कूलों की समय सारिणी में बदलाव कराएगी। 1बीते एक अप्रैल से नए शैक्षिक सत्र का आगाज हो चुका है। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में भले ही बच्चों के पास संसाधन (किताबें, ड्रेस आदि) पूरे नहीं है, लेकिन उनकी स्कूल आवाजाही शुरू हो गई है। स्कूल की समयावधि सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक की है।
Sponsored links : इसी बीच निजी स्कूलों ने शैक्षिक सत्र का श्रीगणोश कर दिया है। वहां भी कमोबेश समयावधि परिषदीय स्कूलों जैसी ही है। बच्चों के सुबह स्कूल जाते समय ही सूरज इतना चढ़ आता है, मानो वह मध्यान्ह होने वाला हो, वहीं दोपहर से लेकर छुट्टी के समय तक बच्चे झुलसते रहते हैं। जो अभिभावक बच्चों को स्कूल को लेने जाते हैं वह परेशान हो रहे हैं, तब बच्चों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। अप्रैल की शुरुआत में ही पारा ऊपर चढ़ने और इलाहाबाद में प्रचंड गर्मी होने से मंडलायुक्त राजन शुक्ल ने बच्चों को सुरक्षित रखने की पहल की है। उनका कहना है कि पारा 41 से 43 डिग्री तक पहुंच गया है। ऐसे में स्कूल 20 मई तक खुले रहेंगे, सो बच्चे इतनी गर्मी में बीमार पड़ सकते हैं। उन्होंने जिलाधिकारी इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशांबी और फतेहपुर को पत्र भेजकर सुझाव दिया है कि स्कूल में शिक्षण कार्य सुबह 6.30 से 10.30 बजे तक और मध्यान्ह भोजन वितरण 10.30 से 11.00 बजे तक कराकर छुट्टी कर दी जाए। इससे बच्चे स्वस्थ रहेंगे और पढ़ाई भी होती रहेगी।
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