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तो टीईटी प्रमाणपत्र मात्र कागज का एक टुकड़ा बनकर रह जाएगा........ : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

कानपुर वरिष्ठ संवाददाता मुख्यमंत्री जी! बीएड किया है। टीईटी भी 2011 में कर लिया। शिक्षकों के पद भी रिक्त हैं। फिर भी नौकरी नहीं मिली। यह शिकायत उन लोगों ने की थी जो इस बात से चिंतित हैं कि इसी वर्ष अगले कुछ माह में उनके टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त हो जाएगी।
यह मात्र कागज का एक टुकड़ा बनकर रह जाएगा। ऐसी एक शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय जागा। उसे भी इस बात की बेचैनी हुई कि सबकुछ होने के बाद आखिर नौकरी क्यों नहीं दी जा रही है। पत्र में जो बातें बताई गई थीं उसमें इस बात का दावा भी था कि विभाग चाहे तो उन्हें नियुक्ति पत्र सौंप सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिकायत के जवाब में देरी नहीं दिखाई, बल्कि सीधे प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा को पत्र लिख दिया।

तो आयु सीमा निकल जाएगी : मुख्यमंत्री ने जो पत्र प्रमुख सचिव को लिखा है उसमें शिकायतकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि नवंबर 2016 तक इनके टीईटी प्रमाण (अंकतालिका) की वैधता समाप्त हो जाएगी। वे योग्यता भी रखते हैं। इसके बाद भी इन्हें सेवा में नहीं लिया गया है। यदि ध्यान न दिया गया तो इसमें से अनेक अपनी अधिकतम आयु सीमा पार कर जाएंगे। ऐसे में इनका नुकसान हो सकता है।
क्या है समस्या : यूपी टीईटी हर वर्ष होना चाहिए था, लेकिन वर्ष 2011 के बाद लंबा गैप हो गया। इस प्रमाणपत्र की वैधता पांच साल की होती है। नवंबर 2016 में पांच साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद इन्हें दोबारा इस प्रमाणपत्र के लिए जद्दोजहेद करनी होगी। संभव है ऐसे में किसी की अधिकतम आयु सीमा ही निकल जाए। अभ्यर्थी चाहते हैं कि अदालत के आदेशों को तरजीह देते हुए प्रकरणों को निपटा लिया जाए, जो कोर्ट में लंबित मामले हैं उसकी पैरवी कर ली जाए। नियुक्ति के लिए कदम उठाएं : मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी तमाम पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में न्यायालय के आदेश को देखते हुए इन्हें नियुक्ति देने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए।


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