जागरण संवाददाता, लखनऊ : केंद्र सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ उत्तर प्रदेश ने निराशा जनक बताया है।
संघ के पूर्व अध्यक्ष हरिशरण मिश्र, महामंत्री महेंद्र कुमार
दीक्षित, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने संयुक्त बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की आशाओं पर कुठाराघात किया है। सरकारें विधायकों, मंत्रियों और सांसदों के वेतन भत्ताें में उदारता दिखाती है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार स्टेनोग्राफर्स महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद पांडेय और महामंत्री नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि सातवें वेतन आयोग में आजादी के बाद से अबतक की सबसे कम वेतन वृद्धि हुई है। वेतन आयोग ने समूह ग, घ के और समूह क और ख के मध्य अर्थिक असमानता बढ़ाने का काम किया है। इससे कर्मचारियों के ऊपर आयकर का बोझ भी बढ़ेगा।
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दीक्षित, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने संयुक्त बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की आशाओं पर कुठाराघात किया है। सरकारें विधायकों, मंत्रियों और सांसदों के वेतन भत्ताें में उदारता दिखाती है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार स्टेनोग्राफर्स महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद पांडेय और महामंत्री नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि सातवें वेतन आयोग में आजादी के बाद से अबतक की सबसे कम वेतन वृद्धि हुई है। वेतन आयोग ने समूह ग, घ के और समूह क और ख के मध्य अर्थिक असमानता बढ़ाने का काम किया है। इससे कर्मचारियों के ऊपर आयकर का बोझ भी बढ़ेगा।
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