शिक्षक को अधिकारियों द्वारा रोक के बाद भी वेतन देने से कोर्ट नाराज

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद के एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक की नियुक्ति अवैध करार देने के बाद भी साढ़े 6 माह तक वेतन भुगतान पर नाराजगी जताई है।
कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा को पत्रावली तलब कर गलत भुगतान की जांच करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ चार सप्ताह में कार्रवाई कर 3 अक्टूबर को कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।यह आदेश जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने राजेन्द्रपाल की विशेष अपील पर दिया है। अपीलार्थी राजेन्द्र पाल की सहायक टीचर के रूप में नियुक्ति की गयी। जिसे नियमानुसार नहीं माना गया इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी।वर्ष 2009 में याचिका ख़ारिज कर दी गयी। याचिका खारिज होने के बाद भी शिक्षक को अधिकारियों ने वेतन भुगतान जारी  रखा।कोर्ट का कहना था कि, जब हाईकोर्ट से याचिका ख़ारिज हो चुकी थी और नियुक्ति को फर्जी मान लिया गया था तो इस शिक्षक को सरकारी खजाने से फर्जी भुगतान कैसे हुआ।कोर्ट ने कहा है कि, फर्जी भुगतान करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
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