राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में सिर्फ अंतर जिला तबादलों में ही गांव से नगर क्षेत्र में तैनाती पाने का खेल नहीं हुआ है, बल्कि प्रमोशन पाए शिक्षकों को मनचाहे विद्यालयों में तैनाती देने के लिए जमकर हेराफेरी की गई है।
इसका अंदाजा सिर्फ इसी से लगाया जा सकता है कि रायबरेली में 87 पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति में 48 संशोधन कर दिए गए हैं। यही नहीं एक विद्यालय में दो-दो प्रधानाध्यापक भेज दिए गए। ऐसे ही सीतापुर व अन्य जिलों में मनमानी की गई है।
प्रदेश के एकल शिक्षक एवं बंद परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती करने के कड़े निर्देश हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी इसमें रोड़ा बने हैं। इधर परिषद सचिव के आदेश पर जिलों में शिक्षकों के प्रमोशन हुए हैं। इसमें प्राथमिक स्कूल के सहायक अध्यापक को प्राथमिक का प्रधानाध्यापक या फिर उच्च प्राथमिक का सहायक अध्यापक बनने का मौका मिला है। ऐसे ही उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक को प्रधानाध्यापक बनाया गया है। रायबरेली में 17 मार्च 1992 तक नियुक्त शिक्षकों को उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के रूप में प्रमोशन दिया गया है। 150 पदोन्नतियों में 63 महिला एवं विकलांग शिक्षकों के पद थे इसके लिए काउंसिलिंग कराकर तैनाती दी गई, वहीं 87 पुरुष शिक्षकों को रोस्टर के तहत प्रमोशन दिया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इसमें से 48 शिक्षकों को मनचाहा स्कूल आवंटित कर दिया है। इन संशोधनों से एक विद्यालय में दो-दो प्रधानाध्यापक नियुक्त हो गए। डीह ब्लाक के मऊ उच्च प्राथमिक विद्यालय में रोस्टर से संजय सिंह को नियुक्ति मिली, लेकिन वहां राजेंद्र सिंह को भेज दिया गया। बाद में संजय को अन्य स्कूल दिया गया। छतोह ब्लाक के गढ़ा विद्यालय में रोस्टर से प्रभूदयाल को नियुक्ति मिली, लेकिन वहां बसंतलाल को तैनाती दे दी गई। यह जानकर प्रभूदयाल ने रात में स्कूल खुलवाकर कार्यभार ग्रहण किया।
सीतापुर में प्रमोशन हो जाने के बाद भी शिक्षकों ने नई तैनाती स्थल की ओर रुख नहीं किया। वह संशोधन के दौड़ते रहे बाद में विभाग के बड़े अफसरों की अनुमति लेकर कुछ संशोधन किए गए हैं। ऐसे ही जौनपुर जिले में प्रमोशन सूची जारी हो चुकी है, लेकिन अंतर जिला तबादले पर शिक्षक पहुंचने से प्रमोशन वाले शिक्षकों को ज्वाइन कराने में आनाकानी की जा रही है।
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इसका अंदाजा सिर्फ इसी से लगाया जा सकता है कि रायबरेली में 87 पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति में 48 संशोधन कर दिए गए हैं। यही नहीं एक विद्यालय में दो-दो प्रधानाध्यापक भेज दिए गए। ऐसे ही सीतापुर व अन्य जिलों में मनमानी की गई है।
प्रदेश के एकल शिक्षक एवं बंद परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती करने के कड़े निर्देश हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी इसमें रोड़ा बने हैं। इधर परिषद सचिव के आदेश पर जिलों में शिक्षकों के प्रमोशन हुए हैं। इसमें प्राथमिक स्कूल के सहायक अध्यापक को प्राथमिक का प्रधानाध्यापक या फिर उच्च प्राथमिक का सहायक अध्यापक बनने का मौका मिला है। ऐसे ही उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक को प्रधानाध्यापक बनाया गया है। रायबरेली में 17 मार्च 1992 तक नियुक्त शिक्षकों को उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के रूप में प्रमोशन दिया गया है। 150 पदोन्नतियों में 63 महिला एवं विकलांग शिक्षकों के पद थे इसके लिए काउंसिलिंग कराकर तैनाती दी गई, वहीं 87 पुरुष शिक्षकों को रोस्टर के तहत प्रमोशन दिया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इसमें से 48 शिक्षकों को मनचाहा स्कूल आवंटित कर दिया है। इन संशोधनों से एक विद्यालय में दो-दो प्रधानाध्यापक नियुक्त हो गए। डीह ब्लाक के मऊ उच्च प्राथमिक विद्यालय में रोस्टर से संजय सिंह को नियुक्ति मिली, लेकिन वहां राजेंद्र सिंह को भेज दिया गया। बाद में संजय को अन्य स्कूल दिया गया। छतोह ब्लाक के गढ़ा विद्यालय में रोस्टर से प्रभूदयाल को नियुक्ति मिली, लेकिन वहां बसंतलाल को तैनाती दे दी गई। यह जानकर प्रभूदयाल ने रात में स्कूल खुलवाकर कार्यभार ग्रहण किया।
सीतापुर में प्रमोशन हो जाने के बाद भी शिक्षकों ने नई तैनाती स्थल की ओर रुख नहीं किया। वह संशोधन के दौड़ते रहे बाद में विभाग के बड़े अफसरों की अनुमति लेकर कुछ संशोधन किए गए हैं। ऐसे ही जौनपुर जिले में प्रमोशन सूची जारी हो चुकी है, लेकिन अंतर जिला तबादले पर शिक्षक पहुंचने से प्रमोशन वाले शिक्षकों को ज्वाइन कराने में आनाकानी की जा रही है।
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