जागरण संवादाता, लखनऊ : राज्यपाल राम नाईक ने अधिवक्ताओं की समस्याएं दूर करने के लिए मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक प्रयास करने का आश्वासन दिया तो वहीं वादियों को त्वरित और सस्ता न्याय दिलाने के लिए नसीहत भी दी।
यह भी कहा कि अधिवक्ता अपने अधिकार, कर्तव्य और दायित्व में समन्वय बनाएं जिससे न्यायिक व्यवस्था पर जनता का विश्वास बना रहे। 1राज्यपाल राम नाईक शनिवार को गांधी भवन सभागार में सेंट्रल बार एसोसिएशन के 108वीं वर्षगांठ पर आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं का काम बहुत हिम्मत और साहस के साथ करने का है। अधिवक्ताओं का समाज में बहुत आदर है और वह आफीसर्स ऑफ द कोर्ट का दायित्व निभाते हैं। कहा कि दायित्व है कि पीड़ित लोगों की समस्या न्यायपालिका के सामने रखें और लोगों को जल्दी न्याय दिलाएं। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की इलाहाबाद खंडपीठ और लखनऊ खंडपीठ के सामने लंबित मुकदमों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद खंडपीठ में सात लाख मुकदमे लंबित हैं जिनमें चार लाख बयालिस हजार वादों में सरकार प्रतिवादी है। लखनऊ खंडपीठ में दो लाख बीस हजार मुकदमे लंबित हैं जिनमें एक लाख पचीस हजार में सरकार प्रतिवादी है। तारीख पर तारीख बहुत गंभीर बीमारी है। त्वरित न्याय न मिल पाने से आम आदमी परेशान होता है।
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यह भी कहा कि अधिवक्ता अपने अधिकार, कर्तव्य और दायित्व में समन्वय बनाएं जिससे न्यायिक व्यवस्था पर जनता का विश्वास बना रहे। 1राज्यपाल राम नाईक शनिवार को गांधी भवन सभागार में सेंट्रल बार एसोसिएशन के 108वीं वर्षगांठ पर आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं का काम बहुत हिम्मत और साहस के साथ करने का है। अधिवक्ताओं का समाज में बहुत आदर है और वह आफीसर्स ऑफ द कोर्ट का दायित्व निभाते हैं। कहा कि दायित्व है कि पीड़ित लोगों की समस्या न्यायपालिका के सामने रखें और लोगों को जल्दी न्याय दिलाएं। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की इलाहाबाद खंडपीठ और लखनऊ खंडपीठ के सामने लंबित मुकदमों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद खंडपीठ में सात लाख मुकदमे लंबित हैं जिनमें चार लाख बयालिस हजार वादों में सरकार प्रतिवादी है। लखनऊ खंडपीठ में दो लाख बीस हजार मुकदमे लंबित हैं जिनमें एक लाख पचीस हजार में सरकार प्रतिवादी है। तारीख पर तारीख बहुत गंभीर बीमारी है। त्वरित न्याय न मिल पाने से आम आदमी परेशान होता है।
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