इस साल असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के रिजल्ट के आसार नहीं, सदस्य न होने से साक्षात्कार प्रक्रिया भी प्रभावित

इलाहाबाद : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में लंबे समय से सदस्यों की नियुक्ति का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों ने अब इस साल परिणाम की उम्मीदें छोड़ दी हैं। आयोग इस समय बिना किसी सदस्य के चल रहा है और तमाम स्तर पर पैरवी के बाद भी सरकार उस पर मेहरबान नहीं हुई है।
हालांकि नियुक्ति प्रक्रिया आखिरी चरण में है। रोड़ा कहां अटका है, इस पर आयोग के अधिकारी भी कुछ बताने में असमर्थ हैं। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में आठ साल से कोई भर्ती नहीं हुई है।
यहां कई सदस्य अयोग्य होने से हटाए जा चुके हैं और कुछ कार्यकाल पूरा करके मूल विभागों में लौट गए हैं। सरकार ने सदस्यों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला जरूर था लेकिन, इस पर इतनी धीमी गति से कार्य हुआ कि एकमात्र सदस्य रामेंद्र बाबू चतुर्वेदी भी रिटायर हो गए। आयोग ऐसे समय में सदस्यों से खाली हुआ जबकि 1652 असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की साक्षात्कार प्रक्रिया चल रही थी। अध्यक्ष प्रभात मित्तल हालांकि अभी भी साक्षात्कार की प्रक्रिया चालू रखे हुए हैं लेकिन, वह कोई निर्णय लेने में असमर्थ हैं। अभ्यर्थियों के अनुसार उन्हें उम्मीद थी कि इस साल तक परिणाम की घोषणा हो जाएगी लेकिन, अब इसके असार नहीं नजर आते। यदि चुनाव घोषित हो जाएगा तो नए सदस्यों की नियुक्ति भी अधर में पड़ जाएगी। ऐसे में 1150 पदों की नई नियुक्ति भी प्रभावित होगी। अभ्यर्थियों के अनुसार सरकार ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर तो ध्यान दिया लेकिन, उनकी ओर से उदासीन है। गौरतलब है कि इस बीच माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के खाली दो सदस्य पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। वहां माध्यमिक शिक्षकों को परिणाम के साथ ही नियुक्ति पत्र भी दिए जा रहे हैं।

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