विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के 45791 जूनियर हाईस्कूलों में विषयवार शारीरिक शिक्षा तथा कला विषय के अध्यापकों या अनुदेशकों की नियुक्ति की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की अगामी सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
1यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कुमारी कुमकुम की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह हलफनामे में बताए कि अनिवार्य शिक्षा अधिकार 2009 के तहत न्यूनतम शिक्षण मानक तय करने को क्या कदम उठाए हैं। याची का कहना है कि बागपत जिले के कासिमपुर खेरी जूनियर हाई स्कूल में कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के अनुसार अध्यापक नहीं हैं जिससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। याची अधिवक्ता दुर्गा तिवारी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 45791 जूनियर हाईस्कूलों में केवल 13769 कला एवं शारीरिक शिक्षक के पद स्वीकृत हैं, जबकि प्रत्येक स्कूल में विषयवार अध्यापक होने चाहिए। केवल 13769 स्कूलों में ही विषयवार अध्यापक हैं। ऐसे में शेष स्कूलों में पार्ट टाइम टीचर की नियुक्ति की जाए। पिछले तीन वर्षो में सरकार ने 2272 पार्ट टाइम कला के अनुदेशकों, 1601 शारीरिक शिक्षकों तथा 4019 शिक्षकों को निकाल दिया है, जिससे स्थिति सुधरने के बजाय बदतर हो गयी है। याची का कहना है कि अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत प्रत्येक विषय के लिए एक अध्यापक होना चाहिए। सरकार को अधिनियम के उपबंधों का पालन करने का समादेश जारी किया जाय।
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1यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कुमारी कुमकुम की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह हलफनामे में बताए कि अनिवार्य शिक्षा अधिकार 2009 के तहत न्यूनतम शिक्षण मानक तय करने को क्या कदम उठाए हैं। याची का कहना है कि बागपत जिले के कासिमपुर खेरी जूनियर हाई स्कूल में कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के अनुसार अध्यापक नहीं हैं जिससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। याची अधिवक्ता दुर्गा तिवारी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 45791 जूनियर हाईस्कूलों में केवल 13769 कला एवं शारीरिक शिक्षक के पद स्वीकृत हैं, जबकि प्रत्येक स्कूल में विषयवार अध्यापक होने चाहिए। केवल 13769 स्कूलों में ही विषयवार अध्यापक हैं। ऐसे में शेष स्कूलों में पार्ट टाइम टीचर की नियुक्ति की जाए। पिछले तीन वर्षो में सरकार ने 2272 पार्ट टाइम कला के अनुदेशकों, 1601 शारीरिक शिक्षकों तथा 4019 शिक्षकों को निकाल दिया है, जिससे स्थिति सुधरने के बजाय बदतर हो गयी है। याची का कहना है कि अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत प्रत्येक विषय के लिए एक अध्यापक होना चाहिए। सरकार को अधिनियम के उपबंधों का पालन करने का समादेश जारी किया जाय।
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