माननीय शीर्ष अदालत में शिक्षामित्रों की वैधता पर सुनवाई हेतु विचारणीय लेख

मित्रों, आज 19 फरवरी हो चुकी है..दो दिन पश्चात शीर्ष न्यायालय में विश्व का सर्व प्रख्याति मुकदमा.. शिक्षामित्र समायोजन की वैद्यता को लेकर सुनवाई के क्रम में भारत  के नामी गिरामी वकीलों की फौज, पक्ष विपक्ष की तरफ से, माननीय न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा जी की अध्यक्षता की पूर्ण पीठ में 22 फरवरी को अपने तीखे, जोशीले तेवरों से बहस करते हुए प्रकट होगें..
मित्रों..  इतिहास गवाह है कि.. आज तक,विजय उसी की हुई है.. जो वकील, अपने अनुभव, चालाकी से प्रभावशाली दलीलें देकर व भ्रमजाल में फँसा कर, माननीय कोर्ट को विश्वास में लेकर,अपने पक्ष में न्याय करा लिया है.. इसकी जीता जागता उदाहरण हैं.. 72825/-.... 99 फीसदी फ्राड होते हुए भी.. अपने विज्ञप्ति के सापेक्ष पद पर पदासीन तो हो गए ही.. तथा याची लाभ भी पा गये...
जहां तक अपने समूह से..  रोज निर्मित हो रहे तमाम शिक्षामित्र संगठनों का सवाल है.. कतिपय संगठनों को छोड़कर.. बहुतायत बने निष्क्रीय संगठन.. वश धन उगाही में ही संलिप्त है..  उनका पैनल मात्र सोशल मीडिया तक ही सिमट कर रह गया है..  बहुतायत अंध भक्त साथी..  वश उन्हीं का ही, गुणगान करने में मस्त हैं.. सहयोग करने के नाम पर डबल जीरों हैं.. इनकी इच्छा शक्ति आसमान पर है..  परन्तु कर्तव्य निष्ठा डबल जीरों है.. हमारे कतिपय साथी, शत प्रतिशत अवसरवादी हो चुके हैं.. जहां अपना हित देखे.. वही संलग्न हो गये..
हम सभी लोग बहुतायत विचारधाराओं में खंडित होकर जर्जर हो चुके हैं.. सकारात्मक सोच क्षीण हो चुकी हैं.. वश एक दूसरे की आलोचना करने में.. डूब चुके हैं..
अब मित्रों,आप सब ही न्याय कीजिए की.. हमें सफलता कैसे मिलेगी?..
जब आप लोग संगठित होकर ईमानदारी से पारदर्शितापूर्ण कार्य नहीं करेंगे.. तो.. निर्णय पक्ष में कहां से आयेगा?..
अभी समय है.. आप सभी लोग.. सही संगठन  UPPSMS,  का सहयोग करें.. नही तो..
फिर.. वही हाथ में आयेगा..जो आवांछनीय होगा!
कर्तव्यनिष्ठ बनें, सही को पहचानने का प्रयास करें..
उक्त विनम्रता के साथ
जय हिंद
जय शिक्षामित्र
जय संघर्ष
आपका शुभ चिन्तक एवं प्रार्थी :-
प्रवीन श्रीवास्तव
   (पूर्वजिलाध्यक्ष)
उ.प्र.प्राथमिकशिक्षामित्रसंघ
       जनपद- बस्ती
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