सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब-तलब, 41 हजार सिपाहियों की भर्ती के मामले में उच्चन्यायालय हुआ सख्त

इलाहाबाद : नियम खत्म होने के बाद भी पदों को कैरी फारवर्ड करने से हाईकोर्ट सख्त हो गया है। सूबे में 41610 पुलिस सिपाहियों की भर्ती में रिक्त बचे 2312 पदों को अगली भर्ती के लिए अग्रसारित (कैरीफारवर्ड) करने के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
कहा गया है कि कैरी फारवर्ड संबंधित नियम को राज्य सरकार ने समाप्त कर दिया है, लिहाजा विशेष आरक्षित वर्ग के रिक्त पदों को सामान्य अभ्यर्थियों से भरा जाए।
सौरभ और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से इस मामले में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सीमांत सिंह ने बताया कि 41610 सिपाहियों में विशेष आरक्षित वर्ग (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, एक्स सर्विसमैन और महिला) के 2312 पद योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण रिक्त रह गए। इन पदों को अगली भर्ती के लिए कैरी फारवर्ड कर दिया गया, जबकि विशेष आरक्षित कोटे के रिक्त पदों को कैरी फारवर्ड करने संबंधी नियम 1993 की आरक्षण नियमावली के नियम 3(5) को प्रदेश सरकार ने सात अप्रैल, 2016 को संशोधन लाकर समाप्त कर दिया है। मगर पुलिस बोर्ड ने याचीगण की मांग यह कहते हुए खारिज कर दी कि सात अप्रैल के संशोधन का इस भर्ती पर प्रभाव नहीं होगा, इसका प्रभाव अगली भर्तियों पर लागू होगा। याची अधिवक्ता की दलील थी कि सात अप्रैल का संशोधन 41610 सिपाही भर्ती के ही मामले में किया गया है तथा संशोधन करते समय कहा गया कि रिक्त पदों को सामान्य अभ्यर्थियों से भरने के लिए मांगी राहत के दृष्टिगत यह संशोधन किया जा रहा है, लिहाजा संशोधन इसी भर्ती से प्रभावित होगा। दूसरे कैरी फारवर्ड करने संबंधी आदेश संशोधन के बाद 29 अप्रैल 2016 को जारी किया गया है। कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षकारों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

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