UPPSC: आयोग ने माना बदलीं कॉपियां, पीसीएस 2015 मुख्य परीक्षा की कॉपी बदल अनुत्तीर्ण करने का मामला, साक्षात्कार में मिले कम अंक, युवती का आरोप- रिजल्ट में हुई धांधली

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने आखिरकार स्वीकार किया है कि पीसीएस 2015 की मुख्य परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं की अदला-बदली हुई है। परीक्षा में सुहासिनी बाजपेई व रवींद्र तिवारी को मिले अंक एक-दूसरे को आवंटित हो गए। आयोग ने साक्षात्कार के अंक घोषित कर दिये हैं।
इंटरव्यू में सुहासिनी को कम अंक हैं। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही आयोग सुहासिनी बाजपेई के मामले को लेकर गंभीर हो गया। आयोग की हेराफेरी का प्रकरण ‘दैनिक जागरण’ में प्रमुखता से उजागर होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की रोहनियां की रैली में यह मुद्दा उठाया था। असल में आयोग की पीसीएस 2015 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका बदलने से रायबरेली की सुहासिनी को अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया था। इस पर आरटीआइ के जरिए सुहासिनी ने उत्तर पुस्तिका दिखाने की मांग की। इसमें पहले उसे दूसरे की कॉपी दिखाई गई। आयोग सचिव के स्तर तक यह प्रकरण पहुंचने पर जो कॉपी उसकी बताई गई उसमें इतने अंक मिले थे कि वह मेंस उत्तीर्ण हो गई। पांच माह बाद उसका साक्षात्कार हुआ, लेकिन उसमें भी असफल घोषित कर दिया गया। उस समय तक आयोग ने कॉपी बदलने की बात नहीं स्वीकारी थी और न ही युवती को इंटरव्यू के अंक बताए गये। 1आयोग के सचिव ने सुहासिनी को स्पीड पोस्ट से ब्योरा भेजा है। पत्र में लिखा है कि सुहासिनी की समाज कार्य विषय की कॉपी फेक कोड आवंटन में होने के कारण रवींद्र तिवारी से बदल गई थी। ऐसे में प्रथम प्रश्नपत्र के अंक एक-दूसरे को दर्ज हो गए थे। यह पकड़ में आने के बाद सुहासिनी को मेंस में उत्तीर्ण करार देकर 16 फरवरी को साक्षात्कार कराया गया था और 22 फरवरी को जारी रिजल्ट में उसे अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया है। सुहासिनी को समाजकार्य प्रथम प्रश्नपत्र एवं साक्षात्कार में कम अंक मिले हैं, बाकी सभी विषयों में उसने उम्दा अंक अर्जित किए हैं। पत्र में रवींद्र के अंक भी दर्ज हैं। सुहासिनी का कहना है कि उत्तर पुस्तिका का सही मूल्यांकन नहीं हुआ है और साक्षात्कार में भी उसे फेल किया गया है। इंटरव्यू में बोर्ड को लिखित परीक्षा के अंक मालूम नहीं होते हैं, लेकिन उसके प्रकरण में यह जगजाहिर था। लिखित परीक्षा में साठ फीसद अंक मिले हैं इंटरव्यू में इतने अंक मिलते तो वह चयनित हो जाती। 1सुहासिनी ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया कि वह प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांग रही हैं। उनसे मिलकर पूरा ब्योरा सौंपेगी और आयोग की जांच की मांग अब और तेज होगी। युवती ने यह भी बताया कि संतकबीर नगर के भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी उनका प्रकरण लोकसभा में उठा चुके हैं और अब फिर उसे पटल पर रखेंगे।

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