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स्कूलों से शिक्षक गायब,सख्ती के बावजूद परिषदीय स्कूलों की हालत में सुधार नहीं

इलाहाबाद: सरकार एवं प्रशासन की सख्ती के बावजूद परिषदीय स्कूलों की हालत में सुधार नहीं हो रहा है। शिक्षकों को भारी भरकम वेतन मिलने के बाद भी लापरवाही बरकरार है।
शिक्षक समय से स्कूल भी नहीं पहुंच रहे हैं जिससे छात्र पढ़ाई की जगह घंटों शिक्षकों के आने का इंतजार करते हुए स्कूल परिसर में खेलकर बिता रहे हैं। 1विकास खंड चाका के घूरपुर क्षेत्र के बगबना गांव स्थित परिषदीय स्कूल में गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम 10 बजे पहुंची तो प्रधानाध्यापिका अन्नपूर्णा कुशवाहा रजिस्टर देखती मिलीं। वहीं स्कूल में उपस्थित पांच बच्चों ने बताया कि गुरुजी का इंतजार कर रहे हैं। मास्टर साहब के आने पर पढ़ेंगे। स्कूल में तैनात तीन शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे थे। इस संबंध में प्रधानाध्यापिका ने बताया कि सभी शिक्षक शहर से आते हैं, आज आने में देर हो गई। छात्रों की उपस्थिति के बारे में अभिभावकों को दोषी मानती हैं। वहीं स्कूल परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। स्कूल का हैंडपंप भी खराब पड़ा है। शौचालय इतना गंदा था कि उसमें जाने लायक हीं नहीं है। रसोइया झाड़ लगाती पाई गई। इसी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 10:30 बजे जागरण की टीम पहुंची तो स्कूल के प्रधानाध्यापक हारून रशीद कार्यालय में बैठे मिले, लेकिन स्कूल में एक भी छात्र नहीं दिखा। स्कूल के अधिकतर कमरों में ताले लटके मिले। दो अध्यापिकाएं आई ही नहीं। स्कूल में पंजीकृत 23 छात्रों में एक भी छात्र स्कूल में उपस्थित नहीं रहा। इसके बाद टीम ग्राम पंचायत चंपतपुर के प्राथमिक विद्यालय में लगभग 11 बजे पहुंची। यहां के रजिस्टर में 109 छात्र पंजीकृत हैं लेकिन महज 15 बच्चे उपस्थित थे। स्कूल परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। रसोइया झाड़ लगाकर परिसर को साफ कर रही थी। रसोई में भी गंदगी व्याप्त है। शिक्षिका तीन और सिर्फ 15 बच्चे उपस्थित हो रहे हैं। इस संबंध में प्रधानाध्यापक जीनत खान बताती हैं कि बच्चों को घर से बुलाया जा रहा है अभी संख्या और बढ़ जाएगी।

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