मित्रों, जैसा कि माननीय शीर्ष अदालत ने 19 मई को.. उ. प्र. में.. लगभग तीन लाख बेसिक शिक्षकों की विवादित नियुक्ति सम्बन्धित प्रकरण पर फैसला सुरक्षित रख लिया था..
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों के पुन: अनुबन्ध के सम्बन्ध में आदेश जारी
25 अगस्त 2010 से पूर्व शिक्षामित्र संविदा शिक्षक के रूप में कार्यरत थे: हिमांशु राणा
बेसिक शिक्षा के कार्यालय में सातवें वेतन एवं अवशेष वेतन की फीडिंग के सम्बन्ध में आदेश निर्गत
शिक्षामित्र मामले में राम जेठमलानी जी के आर्गूमेंट सहित लिखित सम्मिशन जमा हो चुका है
तथा.. सभी पक्ष के पैरवीकारों को अपेक्षा थी की.. माननीय शीर्ष अदालत.. नियुक्त हो गये सभी शिक्षकों को नहीं छेडे़गी ...
लेकिन.. एनसीटीई ने 22 फरवरी, सोमवार को.. कोर्ट के आदेश के क्रम में.. सचिव स्तरीय.. जो हलफनामा लगाया.. उससे टीईटी उत्तीर्ण -2011..की मेरिट के आधार पर हुई नियुक्ति को.. सही नही माना है.. जबकि.. इसके विपरीत.. यह कहा है कि.. टीईटी.. शिक्षक चयन हेतु एक अर्हकारी परीक्षा है... न कि चयन का मूल आधार हैं..
मित्रों, उक्त हलफनामा.. लगाने से विरोधी खेमा में.. मातम सा माहौल हो गया है.. क्योंकि.. ये सब.. अपने को शत प्रतिशत सही मानकर.. शिक्षामित्रों के समायोजन व बीटीसी एकैडमिड भर्ती में... रोड़ा फसां कर.. इलाहाबाद हाई कोर्ट से रद्द करवा दिये थे.. लेकिन अब माननीय शीर्ष अदालत में, एनसीटीई का.. सचिव स्तरीय हलफनामा..लगने से.. शिक्षामित्रों का समायोजन व बीटीसी एकैडमिड भर्ती.. शत प्रतिशत सुरक्षित लगने लगी है... 72825/- पदों पर.. टीईटी उत्तीर्ण -2011 के माध्यम से हुई नियुक्ति खतरे में.. आती दिख रही है..
अब गोयल पीठ के लिए.. बहुत बड़ी चुनौती हो गई है.. जो नियुक्ति.. शीर्ष अदालत ने.. स्वयं के अंतरिम आदेश से(शिव कुमार पाठक के झूठे हलफनामा के आधार पर) करवायी.. वही.. एनसीटीई के गाइडलाइन के अनुसार.. निरस्त होने लायक हो गई है..
मित्रों.. एनसीटीई ने.. शिक्षामित्रों के पक्ष में.. शत प्रतिशत.. सकारात्मक.. हलफनामा देकर.. समायोजन सुरक्षित कर दिया है.. जैसे शिक्षामित्र.. पैरा टीचर की श्रेणी में आते हैं व टीईटी.. इन पर लागू नही होता है.. आदि..
अर्थात 26 अक्टूबर 2015 के पत्र को अपने हलफनामे मे सम्मिलित कर लिया है।
बहरहाल.. एनसीटीई का.. 22 मई वाला .. हलफनामा .. विरोधी खेमा के लिए.. मौत देने जैसा.. व शिक्षामित्रों व एकैडमिड भर्ती के लिए.. प्राण वायु देने जैसा काम किया है... तथा जज साहब के लिए.. किसी बड़े.. दुविधा से कम नहीं है..
अब फैसला आने हेतु इंतजार की घड़ी.. और रोचक हो गई है कि..
देखना होगा कि नियमत: कौन बचता है ? कौन बलि चढ़ता है?
उक्त जानकारी के साथ
जय हिंद
जय शिक्षामित्र
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उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों के पुन: अनुबन्ध के सम्बन्ध में आदेश जारी
25 अगस्त 2010 से पूर्व शिक्षामित्र संविदा शिक्षक के रूप में कार्यरत थे: हिमांशु राणा
बेसिक शिक्षा के कार्यालय में सातवें वेतन एवं अवशेष वेतन की फीडिंग के सम्बन्ध में आदेश निर्गत
शिक्षामित्र मामले में राम जेठमलानी जी के आर्गूमेंट सहित लिखित सम्मिशन जमा हो चुका है
तथा.. सभी पक्ष के पैरवीकारों को अपेक्षा थी की.. माननीय शीर्ष अदालत.. नियुक्त हो गये सभी शिक्षकों को नहीं छेडे़गी ...
लेकिन.. एनसीटीई ने 22 फरवरी, सोमवार को.. कोर्ट के आदेश के क्रम में.. सचिव स्तरीय.. जो हलफनामा लगाया.. उससे टीईटी उत्तीर्ण -2011..की मेरिट के आधार पर हुई नियुक्ति को.. सही नही माना है.. जबकि.. इसके विपरीत.. यह कहा है कि.. टीईटी.. शिक्षक चयन हेतु एक अर्हकारी परीक्षा है... न कि चयन का मूल आधार हैं..
मित्रों, उक्त हलफनामा.. लगाने से विरोधी खेमा में.. मातम सा माहौल हो गया है.. क्योंकि.. ये सब.. अपने को शत प्रतिशत सही मानकर.. शिक्षामित्रों के समायोजन व बीटीसी एकैडमिड भर्ती में... रोड़ा फसां कर.. इलाहाबाद हाई कोर्ट से रद्द करवा दिये थे.. लेकिन अब माननीय शीर्ष अदालत में, एनसीटीई का.. सचिव स्तरीय हलफनामा..लगने से.. शिक्षामित्रों का समायोजन व बीटीसी एकैडमिड भर्ती.. शत प्रतिशत सुरक्षित लगने लगी है... 72825/- पदों पर.. टीईटी उत्तीर्ण -2011 के माध्यम से हुई नियुक्ति खतरे में.. आती दिख रही है..
अब गोयल पीठ के लिए.. बहुत बड़ी चुनौती हो गई है.. जो नियुक्ति.. शीर्ष अदालत ने.. स्वयं के अंतरिम आदेश से(शिव कुमार पाठक के झूठे हलफनामा के आधार पर) करवायी.. वही.. एनसीटीई के गाइडलाइन के अनुसार.. निरस्त होने लायक हो गई है..
मित्रों.. एनसीटीई ने.. शिक्षामित्रों के पक्ष में.. शत प्रतिशत.. सकारात्मक.. हलफनामा देकर.. समायोजन सुरक्षित कर दिया है.. जैसे शिक्षामित्र.. पैरा टीचर की श्रेणी में आते हैं व टीईटी.. इन पर लागू नही होता है.. आदि..
अर्थात 26 अक्टूबर 2015 के पत्र को अपने हलफनामे मे सम्मिलित कर लिया है।
बहरहाल.. एनसीटीई का.. 22 मई वाला .. हलफनामा .. विरोधी खेमा के लिए.. मौत देने जैसा.. व शिक्षामित्रों व एकैडमिड भर्ती के लिए.. प्राण वायु देने जैसा काम किया है... तथा जज साहब के लिए.. किसी बड़े.. दुविधा से कम नहीं है..
अब फैसला आने हेतु इंतजार की घड़ी.. और रोचक हो गई है कि..
देखना होगा कि नियमत: कौन बचता है ? कौन बलि चढ़ता है?
उक्त जानकारी के साथ
जय हिंद
जय शिक्षामित्र
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