जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी स्कूलों में
शिक्षा का स्तर सुधारने के जो लक्ष्य तय किए हैं उसकी राह में सबसे बड़ा
स्पीड ब्रेकर शिक्षकों की कमी का है। वर्तमान में सरकारी स्कूलों में
शिक्षकों के 1.60 लाख पद खाली हैं।
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ये है तस्वीर
शिक्षकों के स्वीकृत पद : 7,59,958
कार्यरत शिक्षक : 5,85,232
शिक्षकों के खाली पद : 1,74,726
शिक्षकों की भर्ती हुई : 15,000
कुल खाली पद : 1,59,726
इनमें प्राथमिक के खाली पद : 1,53,307
इनमें प्रधानाध्यापकों के खाली : 1016
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केंद्रीय विद्यालयों में भी संकट
केंद्र से संचालित केंद्रीय व नवोदय विद्यालयों में भी शिक्षकों की कमी है। रिपोर्ट बताती है कि 200 केंद्रीय व 125 नवोदय विद्यालयों में प्रधानाचार्य नहीं हैं। केंद्रीय विद्यालय में 10 हजार व नवोदय में 2023 शिक्षक कम हैं। 1734 नान टीचिंग स्टाफ कम है। केंद्रीय विद्यालयों में 113 उप प्रधानाचार्यो के पद खाली हैं।
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शिक्षा की गुणवत्ता सुधार को उठाए जा रहे कदम अच्छे हैं परंतु शिक्षकों की कमी के चलते सुधार के अपेक्षित परिणाम मिल पाना संभव न होगा। प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों की नियुक्तियां की जानी चाहिए।
- कृष्ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व निदेशक बेसिक माध्यमिक शिक्षा परिषद
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कुल खाली पद : 1,59,726
इनमें प्राथमिक के खाली पद : 1,53,307
इनमें प्रधानाध्यापकों के खाली : 1016
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