सरकार शिक्षामित्रों को चाहें तो स्कूलों में गैर-शैक्षणिक कामों के लिए इस्तेमाल कर सकती है : वरिष्ठ वकील पीएन मिश्रा

लखनऊ.शिक्षा मित्रों को टीचर रिक्रूटमेंट रूल्स में संशोधन करते हुए सरकार ने अप्वाइंटमेंट किया था, जबकि दूसरे बीएड वाले पक्ष का कहना था कि इन्हें रेगुलराइज नहीं किया जा सकता है।

-इसी मुद्दे पर पहले हाईकोर्ट इन्हें अवैध करार दिया, सुप्रीम कोर्ट ने उसे आगे बढ़ाया। इन्हें रिक्रूटमेंट में ही बदलाव करके उसे नियम बनाकर सुप्रीम कोर्ट में बताना चाहिए था। ये हमारे यहां संशोधित करके नियम बनाया गया है, उसके तहत इन्हें अप्वाइंट किया गया है।

-सरकार की पैरवी सबसे खराब इस मुद्दे पर रही है, जिन वकीलों ने यूपी सरकार की ओर से शिक्षा मित्रों की पैरवी कर रहे थे, उन्होंने कोई ऐसी बात नहीं कि जिससे शिक्षा मित्रों को राहत मिलती। ये फेल्योर पूरी तरीके से सरकार का है।

-सरकार की ओर से कई लोगों को उन्होंने रिक्रूमेंट और रेगुलराइजेशन के मुद्दे पर बताई थी, पर किसी ने नहीं ध्यान दिया।

-रिव्यू करने का कोई फायदा नहीं है, चाहे 4 जजों की बेंच में जाएं, या फिर 7 जजों की बेंच में कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि बहस तो उसी फैसले पर होगी जो हाईकोर्ट से चला आ रहा है।

'सरकार के पाले में हैं गेंद'

- ये मुद्दा सरकार का है, कि वो अपने यहां के लोगों को कैसे और कहां, कब नौकरी देती है। कई राज्यों की सरकार ने एनसीटीई के नियमों में बदलाव कर अपने यहां टीचर्स की कमी को पूरा किया है। आरटीई एक्ट 2009 में संशोधित किया जा सकता है।

- सरकार रूल्स में बदलाव करेगी तो कोर्ट को कोई दिक्कत नहीं होगी। अगर किसी ने नियमों के चैलेंज देगा, तब बात नियमों के दायरे की आ जाएगी। वैसे भी जब अन्य प्रदेशों में किसी ने सवाल नहीं उठाया, तो कोई यहां क्यों करेगा। गेंद यूपी सरकार के पाले में है, अब ये बात पूरी सरकार के विल पॉवर पर आ गई है।

'एनसीटीई के जरिए समायोजित कर सकती है, उसके पास पॉवर'

- सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्रों के केस से जुड़े वरिष्ठ वकील पीएन मिश्रा ने कहा, ''सरकार इन्हें चाहें तो स्कूलों में गैर-शैक्षणिक कामों के लिए इस्तेमाल कर सकती है"।

-शिक्षा मित्र पिछले 15 सालों से पढ़ा रहे हैं, उनके अनुभव के आधार पर सरकार उन्हें मैनेज कर सकती है।
- समान काम, समान वेतन की तर्ज पर सरकार उनकी भर्ती कर सकती है। इसके लिए उनके सालों से पढ़ा रहे अनुभव को आधार बनाया जा सकता है। पंजाब, उत्तराखंड में शिक्षा मित्र भी काम कर रहे हैं, वहां की सरकारों ने भी किया है, उन्हें ऐसा करना चाहिए।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UPTET news