बैठक.....प्रस्ताव.....चेतावनी
आज दिनांक 27-08-2017 को संयुक्त संघर्ष मोर्चा की एक बैठक नार्मल स्कूल में हुई। बैठक में सैकड़ों शिक्षामित्रों ने प्रतिभाग किया। बैठक में सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद उत्पन्न हालात पर विस्तार से चर्चा की गयी।
शिक्षामित्रों द्वारा जनपद में व लखनऊ में दिए गए धरने पर चर्चा की गयी तथा धरने से हुए फायदे व नुकसान पर कई लोगों ने अपने विचार रखे। बैठक में संगठन के प्रांतीय नेताओं द्वारा अब तक शिक्षामित्रों के भविष्य को लेकर कोई ठोस कार्ययोजना न रखे जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया। बैठक में सभी शिक्षामित्रों ने एक स्वर में कहा कि प्रांतीय नेतृत्व शिक्षामित्रों के बीच में विधि संगत व तर्क संगत नीति रखने में पूरी तरह असमर्थ रहा है। समय समय पर प्रांतीय नेतृत्व अपना मांग पत्र बदलता रहता है। ऐसा लगता है कि प्रांतीय नेतृत्व शिक्षामित्रों से कुछ छुपा रहा है या फिर स्वयं गुमराह है। शिक्षामित्रों के बीच में इस तरह की मांगे फैला दी जाती हैं जो असंभव हैं, अथवा जिससे पूरे शिक्षामित्र समुदाय का भला नहीं हो सकता है। संगठन के पास ऐसी कोई कार्ययोजना नहीं है जिससे सभी 1.70लाख शिक्षामित्र सहायक अध्यापक बन सकें। केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में लागू RTE ACT में संविदा कर्मियों की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो रहा है।
जनपद बलरामपुर में संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एकजुट शिक्षामित्र प्रांतीय नेतृत्व से यह मांग करते हैं कि प्रांतीय नेतृत्व RTE ACT के आर्टिकल 4 में संशोधन कर शिक्षामित्र शब्द जुड़वाने का प्रस्ताव राज्य सरकार से केंद्र सरकार को भिजवाया जाय तथा केंद्र सरकार में पैरवी कर व दबाव बनाकर RTE एक्ट में शिक्षामित्रों को पैराटीचर के रूप में दर्ज कराते हुए राजपत्र जारी कराया जाय। जिससे शिक्षामित्र टेट से मुक्त होकर पुनः शिक्षक बन सकें।
शिक्षामित्रों को अध्यादेश, समान कार्य समान वेतन, आश्रम पद्धति, टेट भारांक अदि के नाम पर बेवक़ूफ़ बनाना बंद किया जाय। यदि प्रान्तीय नेतृत्व जनपद के शिक्षामित्रों की मांग जिससे पूरे प्रदेश के शिक्षामित्रों का भला हो सकता है, को मानते हुए आगे बढ़ता है तो जनपद के शिक्षामित्रों का भला हो सकता है, मानते हुए आगे बढ़ता है तो जनपद के शिक्षामित्र तन-मन-धन से प्रांतीय नेतृत्व के साथ अन्यथा........
बेवजह शोर मचाने से शुर्खियां नहीं मिलती।
कर्म करो खामोशियाँ भी अखबारों में छपेंगी।।
देव कुमार मिश्र
जिलाध्यक्ष/ जिलासंयोजक
संयुक्त संघर्ष मोर्चा जनपद बलरामपुर।
मोबाईल नंबर-9695616951
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
आज दिनांक 27-08-2017 को संयुक्त संघर्ष मोर्चा की एक बैठक नार्मल स्कूल में हुई। बैठक में सैकड़ों शिक्षामित्रों ने प्रतिभाग किया। बैठक में सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद उत्पन्न हालात पर विस्तार से चर्चा की गयी।
शिक्षामित्रों द्वारा जनपद में व लखनऊ में दिए गए धरने पर चर्चा की गयी तथा धरने से हुए फायदे व नुकसान पर कई लोगों ने अपने विचार रखे। बैठक में संगठन के प्रांतीय नेताओं द्वारा अब तक शिक्षामित्रों के भविष्य को लेकर कोई ठोस कार्ययोजना न रखे जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया। बैठक में सभी शिक्षामित्रों ने एक स्वर में कहा कि प्रांतीय नेतृत्व शिक्षामित्रों के बीच में विधि संगत व तर्क संगत नीति रखने में पूरी तरह असमर्थ रहा है। समय समय पर प्रांतीय नेतृत्व अपना मांग पत्र बदलता रहता है। ऐसा लगता है कि प्रांतीय नेतृत्व शिक्षामित्रों से कुछ छुपा रहा है या फिर स्वयं गुमराह है। शिक्षामित्रों के बीच में इस तरह की मांगे फैला दी जाती हैं जो असंभव हैं, अथवा जिससे पूरे शिक्षामित्र समुदाय का भला नहीं हो सकता है। संगठन के पास ऐसी कोई कार्ययोजना नहीं है जिससे सभी 1.70लाख शिक्षामित्र सहायक अध्यापक बन सकें। केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में लागू RTE ACT में संविदा कर्मियों की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो रहा है।
जनपद बलरामपुर में संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एकजुट शिक्षामित्र प्रांतीय नेतृत्व से यह मांग करते हैं कि प्रांतीय नेतृत्व RTE ACT के आर्टिकल 4 में संशोधन कर शिक्षामित्र शब्द जुड़वाने का प्रस्ताव राज्य सरकार से केंद्र सरकार को भिजवाया जाय तथा केंद्र सरकार में पैरवी कर व दबाव बनाकर RTE एक्ट में शिक्षामित्रों को पैराटीचर के रूप में दर्ज कराते हुए राजपत्र जारी कराया जाय। जिससे शिक्षामित्र टेट से मुक्त होकर पुनः शिक्षक बन सकें।
शिक्षामित्रों को अध्यादेश, समान कार्य समान वेतन, आश्रम पद्धति, टेट भारांक अदि के नाम पर बेवक़ूफ़ बनाना बंद किया जाय। यदि प्रान्तीय नेतृत्व जनपद के शिक्षामित्रों की मांग जिससे पूरे प्रदेश के शिक्षामित्रों का भला हो सकता है, को मानते हुए आगे बढ़ता है तो जनपद के शिक्षामित्रों का भला हो सकता है, मानते हुए आगे बढ़ता है तो जनपद के शिक्षामित्र तन-मन-धन से प्रांतीय नेतृत्व के साथ अन्यथा........
बेवजह शोर मचाने से शुर्खियां नहीं मिलती।
कर्म करो खामोशियाँ भी अखबारों में छपेंगी।।
देव कुमार मिश्र
जिलाध्यक्ष/ जिलासंयोजक
संयुक्त संघर्ष मोर्चा जनपद बलरामपुर।
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