मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस बार बोर्ड परीक्षा में नकल नहीं होगी। पिछली बार पढ़ाई नहीं हुई थी। इसलिए पूरी तरह से कड़ाई नहीं हो पाई। उन्होंने ऐसे समय सत्ता संभाली थी जब परीक्षाएं शुरू हो गई थीं।
जो पढ़ेगा, वही पास होगा। मुख्यमंत्री शनिवार को होटल रमादा में ‘माध्यमिक शिक्षा का उन्नयन’ विषयक संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के गौरव को वापस लाना उनके शासन का लक्ष्य है। इसकी शुरूआत से काशी से हो रही है। इसलिए उन्होंने काशी में सबसे पहले इस तरह की संगोष्ठी आयोजित है। काशी शिक्षा का प्राचीन केंद्र है।
यूपी बोर्ड की गरिमा गिरी है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बीस साल में यूपी बोर्ड की गरिमा में गिरावट आई है। एक समय था यूपी बोर्ड से जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक निकलते थे। गिरावट के मूल में राजनीति हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने-अपने हिसाब से शिक्षा को साधने की कोशिश की। इसका असर बेसिक शिक्षा पर भी पड़ा है।
प्रधानाचार्य खुद कक्षाएं लें
उन्होंने प्रधानाचार्यों से कहा कि वे खुद कम से कम दो घंटे पढ़ा कर उदाहरण पेश करें। इससे दूसरे शिक्षक भी प्रेरित होंगे। मुख्यमंत्री ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से प्राचीन काल से अब तक की शिक्षा व्यवस्था की चर्चा थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और शिक्षक के दोनों के सम्मान में कमी आई है। इस पर सोचने की जरूरत है।
एनसीईआरटी किताबें चलेंगी
मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले साल से यूपी बोर्ड में एनसीईआरटी किताबें हर हाल में चलेंगी। सभी तैयारियों पूरी हो गईं। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार कई और कदम उठायेगी। शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के रिक्त पद शीघ्र भरे जाएंगे।
छात्रों को स्वावलंबी बनाएं
मुख्यमंत्री ने छात्रों को स्वावलम्बी बनाने पर जोर दिया। बिना कुछ किए देने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की जरूरत है। विद्यालय में साफ-सफाई, पौधरोपण आदि के कार्यक्रम का उद्देश्य भी यही है।
उन्होंने कहा कि तमाम विरोध के बावजूद प्रदेश में महापुरुषों के नाम पर होने होने वाली छुट्टी को रद कर दिया। इसकी वजह भी उन्होंने बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार अम्बेडकर जयंती पर एक स्कूल के सामने से गुजर रहे थे। स्कूल में छुट्टी थी। एक छात्र सड़क पर मिल गया। उससे पूछा कि स्कूल क्यों बंद है? उसने जवाब दिया कि आज इतवार है, जबकि उस दिन गुरुवार था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए स्कूल खोल महापुरुषों की जयंती मनाएं। इससे छात्रों के अंदर राष्ट्रधर्म का विकास होगा। आरंभ में विषय की प्रतिस्थापना सूचना एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने विषय की स्थापना की। अतिथियों का स्वागत एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने किया। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन सनातन धर्म इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डा.हरेंद्र राय ने किया। इस मौके पर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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जो पढ़ेगा, वही पास होगा। मुख्यमंत्री शनिवार को होटल रमादा में ‘माध्यमिक शिक्षा का उन्नयन’ विषयक संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के गौरव को वापस लाना उनके शासन का लक्ष्य है। इसकी शुरूआत से काशी से हो रही है। इसलिए उन्होंने काशी में सबसे पहले इस तरह की संगोष्ठी आयोजित है। काशी शिक्षा का प्राचीन केंद्र है।
यूपी बोर्ड की गरिमा गिरी है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बीस साल में यूपी बोर्ड की गरिमा में गिरावट आई है। एक समय था यूपी बोर्ड से जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक निकलते थे। गिरावट के मूल में राजनीति हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने-अपने हिसाब से शिक्षा को साधने की कोशिश की। इसका असर बेसिक शिक्षा पर भी पड़ा है।
प्रधानाचार्य खुद कक्षाएं लें
उन्होंने प्रधानाचार्यों से कहा कि वे खुद कम से कम दो घंटे पढ़ा कर उदाहरण पेश करें। इससे दूसरे शिक्षक भी प्रेरित होंगे। मुख्यमंत्री ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से प्राचीन काल से अब तक की शिक्षा व्यवस्था की चर्चा थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और शिक्षक के दोनों के सम्मान में कमी आई है। इस पर सोचने की जरूरत है।
एनसीईआरटी किताबें चलेंगी
मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले साल से यूपी बोर्ड में एनसीईआरटी किताबें हर हाल में चलेंगी। सभी तैयारियों पूरी हो गईं। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार कई और कदम उठायेगी। शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के रिक्त पद शीघ्र भरे जाएंगे।
छात्रों को स्वावलंबी बनाएं
मुख्यमंत्री ने छात्रों को स्वावलम्बी बनाने पर जोर दिया। बिना कुछ किए देने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की जरूरत है। विद्यालय में साफ-सफाई, पौधरोपण आदि के कार्यक्रम का उद्देश्य भी यही है।
उन्होंने कहा कि तमाम विरोध के बावजूद प्रदेश में महापुरुषों के नाम पर होने होने वाली छुट्टी को रद कर दिया। इसकी वजह भी उन्होंने बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार अम्बेडकर जयंती पर एक स्कूल के सामने से गुजर रहे थे। स्कूल में छुट्टी थी। एक छात्र सड़क पर मिल गया। उससे पूछा कि स्कूल क्यों बंद है? उसने जवाब दिया कि आज इतवार है, जबकि उस दिन गुरुवार था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए स्कूल खोल महापुरुषों की जयंती मनाएं। इससे छात्रों के अंदर राष्ट्रधर्म का विकास होगा। आरंभ में विषय की प्रतिस्थापना सूचना एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने विषय की स्थापना की। अतिथियों का स्वागत एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने किया। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन सनातन धर्म इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डा.हरेंद्र राय ने किया। इस मौके पर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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