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17 शिक्षामित्रों को भेजा जेल, दिनभर चली घेराबंदी, शहीद पार्क से , पुलिस से बार-बार होती रही तकरार

एटा : शिक्षामित्रों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष के अगले दिन सत्रह नामजद शिक्षामित्रों को पुलिस ने जेल भेज दिया, जिनमें छह महिलाएं शामिल हैं। इनमें से महिला थाने में बंद एक शिक्षामित्र की हालत बिगड़ गई।
पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद इस महिला को जेल भेज दिया। इधर शहीद पार्क में दिनभर प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा रहा, लेकिन पुलिस ने इस तरह घेराबंदी की कि वे पार्क से बाहर नहीं निकल सके, बार-बार उन्हें दौड़ा दिया गया। इस दौरान पुलिस से प्रदर्शनकारियों की नोक-झोंक होती रही।1शुक्रवार को शिक्षामित्रों की गिरफ्तारी के बाद इन्हें पहले पुलिस लाइन ले जाया गया था, जहां से ग्यारह को बागवाला थाने भेज दिया गया, जबकि छह महिलाएं महिला थाने ले जाईं गईं। पुलिस ने गिरफ्तार किए शिक्षामित्रों में से सत्रह को नामजद किया है। जिन लोगों को जेल भेजा गया है उनमें अवधेश यादव, मानपाल सिंह, विजय कुमार, रामकुमार, राष्ट्रदीप पचौरी, शैलेंद्र कुमार, अरुण कुमार, रामबहादुर, विजेंद्र सिंह, अतर सिंह, अनिल कुमार, सरोज, गुंजन, आशा, रमा मिश्र, रेखा और अनुराधा शामिल हैं। शेष शिक्षामित्रों को आधी रात के बाद छोड़ दिया गया था। पुलिस ने सत्रह नामजद और 600 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी।1शिक्षामित्रों पर चौदह धाराएं लगाईं गईं हैं, जिनमें जानलेवा हमले की धारा 307 शामिल है। प्रदर्शनकारियों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, बलवा करने, मारपीट, जान से मारने की धमकी जैसे आरोप लगाए गए हैं। इस बीच पुलिस ने शाम के वक्त जेल भेजने से पूर्व शिक्षामित्रों को अदालत में पेश किया। सभी के मेडिकल परीक्षण भी पुलिस लाइन में कराए गए। एक तरफ यह कार्रवाई चल रही थी। वहीं दूसरी तरफ शिक्षामित्रों ने 11 बजे से शहीद पार्क में एकत्रित होना शुरू कर दिया। देखते ही देखते दो सौ के लगभग शिक्षामित्र यहां जुट गए। इनमें तमाम ऐसे थे जो दूसरे जिलों से आए थे। आंदोलन में शामिल होने आए इन लोगों का कहना था कि उन्हें रात के वक्त संगठन के बड़े पदाधिकारियों का आदेश मिला था कि वे एटा पहुंचें।1जैसे ही पुलिस को यह भनक लगी कि शिक्षामित्र शहीद पार्क में एकत्रित हो रहे हैं तो पुलिस फोर्स मौके पर भेज दिया गया। कई थानों के थानाध्यक्षों को सुबह से बुला लिया गया था। इसके अलावा शहर में पीएसी की तैनाती कर दी गई थी, ताकि शिक्षामित्रों का जमावड़ा न हो सके, लेकिन पुलिस की आंखों में धूल झोंकते हुए एक-एक कर वे शहीद पार्क तक पहुंचने में सफल हो गए। पार्क में पुलिस ने उन्हें घेर लिया और चेतावनी दी कि तत्काल पार्क खाली कर दें वरना उन पर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की तीखी नोक-झोंक हुई। उनका कहना था कि वे धरना प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए हैं, जब कि पुलिस कह रही थी कि धारा 144 लगी है इसलिए यहां जमावड़ा नहीं होने दिया जाएगा।1शिक्षामित्र जब नहीं हटे तो पुलिस ने डंडे फटकारने शुरू कर दिए। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। आंदोलनकारियों ने धरना तो खत्म कर दिया, लेकिन बार-बार स्थिति यह बनती रही कि पुलिस जब उन्हें दौड़ाती थी तब वे पार्क से बाहर निकल जाते थे। पुलिस का घेरा जैसे ही ढीला होता तो अंदर आ जाते थे। यह सिलसिला शाम तक चलता रहा। 3 बजे के बाद पुलिस ने सख्ती करनी शुरू कर दी और अंतिम बार चेतावनी दी कि पार्क को पूरी तरह खाली कर दिया जाए। तब कहीं जाकर शिक्षामित्र शहीद पार्क से हटे।

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