बीएड टीईटी पास उम्मीदवारों ने शिक्षामित्रों को लेकर उठाये सरकार के रवैये पर सवाल

लखनऊ: शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद से उनके द्वारा रिक्त लगभग 1 लाख 37 हजार पदों पर बीएड टीईटी पास उम्मीदवार अपनी नियुक्ति की मांग कर रहें हैं।
साथ ही धरने पर बैठे उम्मीदवार मामले में अपनी शैक्षिक योग्यता का हवाला दे रहे हैं।

सरकार कर रही अनदेखी

2011 में तत्कालीन सरकार ने बेसिक शिक्षकों की 72,825 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। जिसमें 65 हजार के करीब पदों पर उम्मीदवारों की भर्तियां भी हुई थी, वहीं शेष पद खाली रहें। इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब विगत जुलाई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने का आदेश दिया।

बीएड टीईटी पास उम्मीदवार अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार आन्दोलनरत हैं। साथ ही बीएड टीईटी पास सभी उम्मीदवार लक्ष्मण मेला मैदान में धरना दे रहे हैं। उम्मीदवारों ने शनिवार को पीएम मोदी के 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत लक्ष्मण मेला मैदान मे झाड़ू लगाया और अपना विरोध दर्ज कराया।
झाड़ू लगाते बीएड-टीईटी पास उम्मीदवार

लक्ष्मण मेला मैदान में धरने पर बैठी उम्मीदवार रश्मि सिंह ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि सरकार शिक्षामित्रों के मामले को लेकर चिंतित है लेकिन हम 2011 से अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं पर सरकार को हमारी कोई परवाह नहीं है।

बीएड-टीईटी पास उम्मीदवार अपनी योग्यता का दे रहे हवाला

बीएड टीईटी पास उम्मीदवार सरकार को अपनी योग्यता का भी हवाला दे कर अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुये यूपी शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश संरक्षक सौरभ जैन ने बताया कि शिक्षामित्रों को सरकार 10 हजार मासिक मानदेय देने को तैयार है, जबकि उनके शिक्षक पद के लिए योग्य होने के बाद भी उनकी मांगो पर ध्यान नही दिया जा रहा है।

बीएड-टीईटी पास उम्मीदवारों ने चेतावनी भरे लहजे मे कहा की जब तक सरकार उनकी मांगो पर ध्यान नही देती है। तब तक वे लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में धरने पर बैठे रहेंगे।

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