शिक्षकों को जीपीएफ कटौती पर राहत की उम्मीद

इलाहाबाद। जीपीएफ कटौती के मामले में युवा शिक्षकों को जल्द ही राहत मिल सकती है। शनिवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और इस पर काम चल रहा है।
इस दौरान शिक्षकों ने कैशलेस इलाज की व्यवस्था लागू किए जाने की मांग भी की।
गौरतलब है कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में एक अप्रैल 2005 या उसके बाद नियुक्ति शिक्षकोंएवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में से 70 हजार से अधिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (एनपीएस) का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हो रहा। जीपीएफ कटौती न होने से सबसे अधिक नुकसान ब्याज का हो रहा है जबकि जीपीएफ कटौती के लिए शिक्षकों को परमानेंट एकाउंट नंबर (प्रॉन) पहले ही आवंटित हो चुका है। पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (नई दिल्ली) ने शिक्षा विभाग की इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए इस पर आपत्ति की है। शनिवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या इलाहाबाद में थे। इस दौरान विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी सीएम से मुलाकात की और उन्हें समस्या से अवगत कराया। मुद्दे पर बात शुरू होते ही डिप्टी सीएम ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और इस पर काम हो रहा है। इस दौरान शिक्षकों के प्रमोशन और ट्रांसफर के मुद्दे पर भी बात हुई। डिप्टी सीएम ने इस पर भी अपनी सहमति जताई और कहा कि नियमों के तहत जो भी उचित होगा, उसका पालन जरूर होगा। शिक्षकों ने कैशलेस इलाज की व्यवस्था को भी लागू किए जाने की मांग उठाई। प्रतिनिधिमंडल में प्रतिनिधिमंडल में प्राथमिक शिक्षक संघ से डॉ. एसपी सिंह, डॉ. ज्ञान प्रकाश सिंह, शांति भूषण, टेट मोर्चा से विवेकानंद, अटेवा से श्याम सिंह आदि शामिल रहे।
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