इलाहाबाद (एसएनबी)। हाईकोर्ट ने बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2004-05 में धांधली के आरोप में सहायक अध्यापकों को दी गयी नोटिस पर यथास्थिति बहाल रखने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने ऐसे सहायक अध्यापकों को वेतन जारी करने के लिए भी कहा है, जिनका वेतन नोटिस देने के साथ ही रोक दिया गया था।
प्रवेश परीक्षा में धांधली की जांच एसआईटी ने की थी, जिसमें 4570 अंक पत्र और सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये थे। एसआईटी की रिपोर्ट पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अपने जिलों में नौकरी कर रहे ऐसे सहायक अध्यापकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था, जिनका नाम इस 4570 अभ्यर्थियों की सूची में शामिल था। कन्नौज, फिरोजाबाद से हेमंत कुमार और अन्य ने याचिका दाखिल कर नोटिस को चुनौती दी। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि अपर पुलिस महानिदेशक विशेष अनुसंधान दल की टीम ने इस मामले की जांच रिपोर्ट सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को सौंपी, जबकि डिग्री और सर्टिफिकेट डा. बीआर अम्बेडकर विवि द्वारा जारी किया गया।
संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन भी इसी विवि ने किया था। विवि ने अभी तक किसी भी अंकपत्र या सर्टिफिकेट को न तो फर्जी घोषित किया है और न ही रद्द किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने याचीगण को नोटिस जारी कर कहा है कि चूंकि उन्होंने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट से नौकरी प्राप्त की है। इसलिए उनकी नियुक्ति अवैध है। याचीगण को अपना पक्ष रखने का भी अवसर नहीं दिया गया। बीआर अम्बेडकर विवि के अधिवक्ता का कहना था कि विवि ने कोई भी डिग्री अभी अमान्य नहीं की है। एसआईटी सारे रिकार्ड सील कर अपने साथ ले गयी है।
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कोर्ट ने ऐसे सहायक अध्यापकों को वेतन जारी करने के लिए भी कहा है, जिनका वेतन नोटिस देने के साथ ही रोक दिया गया था।
प्रवेश परीक्षा में धांधली की जांच एसआईटी ने की थी, जिसमें 4570 अंक पत्र और सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये थे। एसआईटी की रिपोर्ट पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अपने जिलों में नौकरी कर रहे ऐसे सहायक अध्यापकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था, जिनका नाम इस 4570 अभ्यर्थियों की सूची में शामिल था। कन्नौज, फिरोजाबाद से हेमंत कुमार और अन्य ने याचिका दाखिल कर नोटिस को चुनौती दी। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि अपर पुलिस महानिदेशक विशेष अनुसंधान दल की टीम ने इस मामले की जांच रिपोर्ट सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को सौंपी, जबकि डिग्री और सर्टिफिकेट डा. बीआर अम्बेडकर विवि द्वारा जारी किया गया।
संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन भी इसी विवि ने किया था। विवि ने अभी तक किसी भी अंकपत्र या सर्टिफिकेट को न तो फर्जी घोषित किया है और न ही रद्द किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने याचीगण को नोटिस जारी कर कहा है कि चूंकि उन्होंने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट से नौकरी प्राप्त की है। इसलिए उनकी नियुक्ति अवैध है। याचीगण को अपना पक्ष रखने का भी अवसर नहीं दिया गया। बीआर अम्बेडकर विवि के अधिवक्ता का कहना था कि विवि ने कोई भी डिग्री अभी अमान्य नहीं की है। एसआईटी सारे रिकार्ड सील कर अपने साथ ले गयी है।
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