इस शिक्षक ने बीएसए पर लगाया गंभीर आरोप, परेशान होकर अस्पताल में हुआ भर्ती

महोबा. बेसिक शिक्षा विभाग में हो रही प्रताड़ना और अधिकारी द्वारा सुविधा शुल्क की मांग से परेशान एक प्रधानाध्यापक डयूटी के दौरान अचेत होकर गिर पड़ा। जिसे गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है।


योगी सरकार में भ्रष्टाचार के खात्मे के लाख दावे किए जा रहे हैं लेकिन सच्चाई ये है कि अधिकारी अपने मातहतों को सुविधा शुल्क के लिए न केवल विवश करते है बल्कि उन्हें प्रताड़ित भी करते हैं। ऐसा ही एक मामला महोबा जनपद में देखने को मिला है। जहां एक प्रधान अध्यापक ने बीएसए पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल मामला श्रीनगर कस्वा क्षेत्र का है, जहां के नगर पंचायत श्रीनगर में प्रधान अध्यापक कुंवारे राम प्रजापति तैनात हैं। जिनका काम इस क्षेत्र में विद्यालयों की नियमित चेकिंग करना है। आज जब ये अपने ड्यूटी पर थे तो अचानक अचेत होकर गिर पड़े।
हालत गम्भीर होने पर सहयोगियों द्वारा जिला अस्पताल लेकर इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। अचानक तबियत खराब होने की सूचना मिलते ही सरकारी टीचरों की भीड़ इकट्ठा हो गई। जब अध्यापक को होश आया तो उसने खुद को प्रताड़ित किये जाने की बात बताई उसका आरोप है कि वह काफी समय से मानसिक उत्पीड़न को झेल रहा है। उसने बताया कि विभाग के बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार उन पर वसूली कर मासिक 15 हजार रुपये की मांग करते थे। जबकि देने में असमर्थ अध्यापक कई बार उन्हें अवगत करा चुका था।
बाबजूद इसके बीएसए अमित कुमार द्वारा उन्हें आयेदिन मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा था। नौकरी से बर्खास्त करने से लेकर अश्लील गाली तक बकी जाती थी। पैसे न देने से नाराज बीएसए उनसे दोहरा काम कराता था। इसी वजह से आज उनकी हालत गम्भीर बनी हुई है। उन्होंने बीएसए पर और भी कई गम्भीर आरोप लगाए हैं। वहीं दूसरी ओर यूटा संगठन के जिला अध्यक्ष विक्रांत पटेरिया ने आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात की है। उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में रिश्वतखोरी चरम पर है और कर्मचारियों को नाहक परेशान किया जा है। इसकी शिकायत सीएम योगी तक पहुंचाई जाएगी।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर बीएसए अमित कुमार ने बताया कि यूटा संगठन अधिकारियों को प्रभाव में लेने और पैसे की मांग करने के लिए जबरन दवाब बनाते हैं। ये मामला साजिशन फर्ज़ी है। प्रधान अध्यापक कुंवारे राम प्रजापति पर कोई दवाब नहीं बनाया गया था उनके द्वारा की गई शिकायत पूरी तरह से गलत है।

बहरहाल ये मामला अधिकारी और कर्मचारियों की उठा पठक में उलझ चुका है। दोनों तरफ से आरोप ओर प्रत्यारोप के दौर चल रहे हैं। इस मामले से डीएम रामविशाल मिश्रा को भी अवगत कराया गया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कौन दूध का धुला निकलता है।
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