जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी (भदोही) : प्राथमिक विद्यालयों में बेसिक
शिक्षा से संबद्ध शिक्षामित्रों को गत कई माह से मानदेय न मिल पाने के कारण
उनका जीवनयापन मुश्किल होता जा रहा है। बार-बार विभाग का चक्कर लगाने पर
विभाग द्वारा बजट न होने का रोना रोकर उनको तसल्ली देकर वापस कर दिया जा
रहा है।
बताते चलें कि शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किये जाने के बाद से लाखों शिक्षामित्रों की दुश्वारियां बढ़ गयी थी, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा उनकी चोट पर मरहम लगाकर दस हजार रुपये मानदेय देने का निर्णय लेकर उनको राहत तो दी गई पर वह अब अपने ही विभाग की दुश्वारियों का खामियाजा भुगतने को विवश हैं। इतना ही शिक्षा शिक्षामित्रों की भर्ती सर्वशिक्षा अभियान और बेसिक शिक्षा के तहत की गई है। ऐसे में सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े शिक्षामित्रों के बकाये मानदेय का भुगतान तो कर दिया लेकिन बेसिक शिक्षामित्र बजट के अभाव में आज तक मानदेय की राह तक रहे हैं। वर्तमान समय में जनपद में कुल 80 शिक्षामित्रों मानदेय के अभाव में उनके परिजनों के समक्ष भुखमरी की समस्या खड़ी हो गयी है। इस बाबत शिक्षामित्र राजेंद्र, रेनू ¨सह, संदीप ¨सह, आशा दुबे, जुगनू ¨सह आदि ने सरकार व विभाग पर उनके साथ सौतेला व्यवहार अपनाने का आरोप लगाया है। इन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों का ध्यानाकृष्ट कराते हुये बकाये मानदेय के भुगतान की गुहार लगाई है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक मानदेय से वंचित शिक्षामित्रों का बिल बनकर तैयार है। बजट न होने के कारण मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है। शासन स्तर पर लिखा पढ़ी की गई है बजट आते ही बकाये मानदेय का भुगतान कर दिया जायेगा।
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बताते चलें कि शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किये जाने के बाद से लाखों शिक्षामित्रों की दुश्वारियां बढ़ गयी थी, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा उनकी चोट पर मरहम लगाकर दस हजार रुपये मानदेय देने का निर्णय लेकर उनको राहत तो दी गई पर वह अब अपने ही विभाग की दुश्वारियों का खामियाजा भुगतने को विवश हैं। इतना ही शिक्षा शिक्षामित्रों की भर्ती सर्वशिक्षा अभियान और बेसिक शिक्षा के तहत की गई है। ऐसे में सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े शिक्षामित्रों के बकाये मानदेय का भुगतान तो कर दिया लेकिन बेसिक शिक्षामित्र बजट के अभाव में आज तक मानदेय की राह तक रहे हैं। वर्तमान समय में जनपद में कुल 80 शिक्षामित्रों मानदेय के अभाव में उनके परिजनों के समक्ष भुखमरी की समस्या खड़ी हो गयी है। इस बाबत शिक्षामित्र राजेंद्र, रेनू ¨सह, संदीप ¨सह, आशा दुबे, जुगनू ¨सह आदि ने सरकार व विभाग पर उनके साथ सौतेला व्यवहार अपनाने का आरोप लगाया है। इन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों का ध्यानाकृष्ट कराते हुये बकाये मानदेय के भुगतान की गुहार लगाई है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक मानदेय से वंचित शिक्षामित्रों का बिल बनकर तैयार है। बजट न होने के कारण मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है। शासन स्तर पर लिखा पढ़ी की गई है बजट आते ही बकाये मानदेय का भुगतान कर दिया जायेगा।
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