लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी-टीईटी परीक्षा में
उत्तरमाला विवाद पर सुनवाई करते हुए महाधिवक्ता से उम्मीद जताई है कि वह
सरकार को सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा वर्तमान याचिका का
निपटारा होने के बाद ही कराने की सलाह देंगे। कोर्ट ने
राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल कर बताने का निर्देश दिया है कि तय
दिशा-निर्देशों के अनुसार यूपी-टीईटी-2017 की परीक्षा क्यों नहीं करवाई गई।
यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने मोहम्मद रिजवान व 103 अन्य
समेत कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने
राज्य सरकार की ओर से बेहतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय दिए
जाने का अनुरोध किया जिस पर कोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह का समय देते हुए,
मामले की अग्रिम सुनवाई के लिए 26 फरवरी की तिथि तय कर दी। कोर्ट ने
निर्देश दिए हैं कि हलफनामे में बताया जाए कि टीईटी परीक्षा में सरकार के
खुद के दिशा-निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया। यह भी पूछा है कि
उत्तरमाला की जांच के लिए विशेषज्ञ कमेटी कब गठित की गई और कौन-कौन सदस्य
थे। यूपी-टीईटी 2017 के परीक्षा से संबंधित उत्तरमाला को हाईकोर्ट में
चुनौती दी गई है। कहा गया है कि कई प्रश्न संशयात्मक हैं, पांच प्रश्न
पाठ्यक्रम से बाहर के हैं और कुछ प्रश्न गाइडलाइंस के मुताबिक नहीं हैं।
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