बकाया मानदेय न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षामित्र

वित्त लेखा विभाग के कर्मचारियों की उदासीनता के चलते बेसिक के शिक्षामित्रों को सात माह और सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षामित्रों को पांच माह का मानदेय नहीं मिला है। शिक्षामित्रों को पिछले वर्षों का एरियर, डीए और बोनस भी नहीं मिल सका है। इससे शिक्षामित्र आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
होली का पर्व भी नजदीक आ चुका है। इससे शिक्षामित्रों की आर्थिक समस्या की परेशानी बढ़ती जा रही है। शनिवार को शिक्षामित्रों ने बीएसए को ज्ञापन देकर होली पर्व से पहले मानदेय दिलाए जाने की मांग की है।
बेसिक शिक्षा सचिव ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों को जारी किए पत्र में 25 अक्टूबर तक शिक्षामित्रों को मानदेय देने के सख्त आदेश दिए थे। इस आदेश को वित्त लेखा विभाग के कर्मचारियों ने हवा में उड़ा दिया। शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद बेसिक के शिक्षामित्रों का सात माह और सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षामित्रों का पांच माह से मानदेय नहीं मिल सका है। वित्त लेखा विभाग के उदासीन रवैये के चलते शिक्षामित्रों को पिछले वर्षों का एरियर, डीए और बोनस भी नहीं दिया गया है। इससे शिक्षामित्र आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। होली का पर्व नजदीक आ चुका है। इससे शिक्षामित्रों को पर्व मनाने को चिंता सताने लगी है।
बकाया मानदेय न मिलने को लेकर दर्जनों शिक्षामित्रों ने शनिवार को बीआरसी पूरनपुर में पहुंचे बीएसए डा. इंद्रजीत प्रजापति को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि शिक्षामित्रों को अगस्त 2017 से फरवरी 2018 तक सात माह का और सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षामित्रों को अक्टूबर 2017 से फरवरी 2018 तक पांच माह का मानदेय नहीं मिला है। ज्ञापन में बकाया मानदेय और पिछले वर्षों का सातवें वेतन का एरियर, डीए और बोनस होली पर्व से पहले दिलाने की मांग की गई है। ज्ञापन सौंपने वालों में उत्तर प्रदेश प्राथमिकि शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष हरओिम पांडेय, सर्वेश कुमार, राधाकृष्ण कुशवाहा, प्रभुदयाल, कुंदन सिंह, शहवाज खां, ओमप्रकाश कुशवाहा, आनन्द कुमार, मेवाराम, जगदीप सिंह, राकेश सिंह, ओमगिरी, सतीश कुमार, गुरजीत सिंह, वीरेंद्र पाल, रामचंद्र, मेहबूब हुसैन आदि मौजूद रहे।
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