68500 पदों के लिए बीटीसी व समकक्ष डिग्रीधारी और टीईटी या सीटीईटी पास 124938 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। यानी एक पद पर दो से भी कम दावेदार हैं।
जाहिर है कि लिखित परीक्षा में 50 से 55 प्रतिशत
अभ्यर्थी भी सफल होते हैं तो सभी को नौकरी मिल जाएगी। उत्तर प्रदेश में
जुलाई 2011 में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई)
लागू होने के बाद सिर्फ बीटीसी व समकक्ष डिग्रीधारियों के लिए पहली बार
इतनी बड़ी संख्या में भर्ती होने जा रही है।
सरकार ने
भर्ती के लिए नियमों को इतना सख्त कर दिया है कि शायद ही किसी प्रदेश में
इतनी कठिनाई से प्राइमरी की टीचरी मिलती हो। आरटीई में डीएलएड (यूपी में
बीटीसी) या समकक्ष डिग्री के साथ ही शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को
अनिवार्य किया गया था।
तत्कालीन बसपा सरकार ने 2011
में टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती का नियम बनाया तो 2012 में आई सपा
सरकार ने एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर भर्ती का नियम तय किया। 2017 में आई
भाजपा सरकार ने एक नया नियम लिखित परीक्षा का जोड़ दिया।
12 मार्च को परीक्षा, केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू
मंडल
मुख्यालय स्तर पर 12 मार्च को प्रस्तावित 68500 शिक्षक भर्ती की लिखित
परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। डीएम की
अध्यक्षता में गठित कमेटी को 15 फरवरी तक केंद्र तय करना है। शिक्षक भर्ती
की परीक्षा भी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में कराई जाएगी।
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