शिक्षा मित्रों के मानदेय भुगतान न होने पर प्रशासन सख्त, बीएसए से मांगी रिपोर्ट

शिक्षा मित्रों और अंशकालिक अनुदेशकों को तीन महीने से मानदेय भुगतान नहीं होने पर सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक ने सभी बीएसए से रिपोर्ट मांगी है। निदेशक की पड़ताल में पता चला है कि शिक्षा मित्रों को मानदेय भुगतान के लिए जिलों को आवंटित बजट में से 381.28 करोड़ और अंशकालिक अनुदेशकों के भुगतान के 91.75 करोड़ रुपये अभी बीएसए के पास पड़ा है।
मानदेय भुगतान नहीं होने की शिकायत के बाद राज्य परियोजना निदेशक वेदपति मिश्र ने पोर्टल पर उपलब्ध सूचना के आधार पर समीक्षा की। इसमें खुलासा हुआ कि जिलों को आवंटित बजट का उपयोग नहीं किया गया है। मिश्र ने नाराजगी जताते हुए सभी बीएसए से मामले में रिपोर्ट मांगी है।

उन्होंने सभी बीएसए को शिक्षा मित्रों और अंशकालिक अनुदेशकों का बकाया भुगतान तुरंत कराने के निर्देश दिए हैं। जिलों को आवंटित राशि का उपयोग प्रमाण पत्र 12 फरवरी तक  प्रस्तुत करने को भी कहा है।

श्रावस्ती: 1069 शिक्षामित्रों को दो माह से नहीं मिला मानदेय
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 1069 शिक्षामित्रों को दो माह से मानदेय नहीं मिला। इससे शिक्षामित्रों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। नाराज शिक्षामित्रों ने उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के बैनर तले मानदेय नहीं तो कार्य नहीं का नोटिस दिया है। इसके बाद हरकत में आया विभाग जल्द से जल्द शिक्षामित्रों का मानदेय जारी करने की कवायद कर रहा है।

जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में 1069 शिक्षामित्र कार्यरत है। इन शिक्षामित्रों को दिसंबर व जनवरी का मानदेय अभी तक नहीं मिला है। इस मामले को उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने गंभीरता से उठाया है। संघ का कहना है कि मानदेय नहीं तो कार्य नहीं किया जाएगा। इस के बाद विभाग अब हरकत में आया है। विभाग एक सप्ताह के अंदर शिक्षामित्रों के खाते में मानदेय भुगतान करने की बात कह रहा है।
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